Sunday, 30 August 2020

फर्जीवाड़ा: बिना बीएड किये बन गई शिक्षका

सहारनपुर। अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद सहारनपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात अन्य शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में नया खुलासा हुआ है। एक शिक्षिका मिली है, जिसके दसवीं और 12वीं के प्रमाणपत्र अमान्य है। एक शिक्षिका के पास बीएड की डिग्री ही नहीं मिली है, जबकि दूसरी ने शिक्षिका के पद पर तैनाती के बाद बीएड की है।

साढ़ौली कदीम की संविदा पर तैनातं शिक्षिका की दसवीं, 12वीं की मार्कशीट गुरुकुल विवि वृंदावन मथुरा की पाई गई हैं, जिनको मान्यता नहीं होती है। विभाग ने इन्हें फर्जी मानते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा दूसरी शिक्षिका मुजफ्फराबाद में संविदा पर है, जिसकी बीएड की डिग्री इग्नू से है, जो उन्होंने ड्यूटी पर रहते समय बिना स्वीकृति के प्राप्त की है। नियुक्ति के समय योग्यता पूर्ण होना अनिवार्य है।

इनको स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। तीसरी शिक्षिका के पास बीएड की डिग्री ही नहीं मिली है। यह देवबंद में संविदा पर है। आज तक क्यों नहीं हुई जांच:  जिन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनकी नियुक्ति आठ से दस वर्ष पहले बताई जा रही हैं। सवाल यह है कि इतने वर्षों में आज तक कैसे बिना डिग्री के वह पढ़ाती रही हैं।

तीन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में तीन ऐसी शिक्षिका मिली है, जिनमें से एक के पास बीएड की डिग्री नहीं है। दूसरी में तैनाती के बाद बीएड की है। जबकि तीसरी के हाईस्कूल और इंटर की मार्कशीट अमान्य है। स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए।


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