Thursday 8 March 2018

UPTET 2017 : हाईकोर्ट ने कहा- लाखों अभ्यर्थी दे चुके परीक्षा, इसलिए हम कैंसिल नहीं कर रहे टीईटी



इलाहाबाद ने 14 प्रश्नों में गड़बड़ी स्वीकार की है। जो दर्शाता है कि प्राधिकरण ने परीक्षा को लेकर किस कदर कामचलाऊ रवैया अपनाया। वह परीक्षा के प्रति कतई गंभीर नहीं थे।
कोर्ट ने कहा कि यह कारण टीईटी 2017 को खारिज करने के लिए काफी है, लेकिन लाखों अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो चुके हैं। हजारों उसे पास कर चुके हैं। परीक्षा रद्द होने से उनके साथ न्याय नहीं होगा जिन्होंने ऐसी परिस्थितियों में भी परीक्षा पास कर ली। जबकि प्राधिकारी ने तय नियमों तक का पालन नहीं किया।
याचीगण चाहते थे कि परीक्षा फिर से करवाई जाए, जिसे माना भले नहीं गया, लेकिन आंशिक राहत उन्हें दी गई। इससे पहले हाईकोर्ट में प्राधिकरण के सचिव ने स्वीकार किया कि प्रश्नपत्र विशेषतौर से भाषा विषय (मौजूदा मामले में संस्कृत) के प्रश्नपत्र नियमों के तहत नहीं बनाए गए। उन्हें नहीं पता कि भाषा विषय के प्रश्नपत्र में सब-सेक्शन में कितने प्रश्न होते हैं। चूंकि प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया में वह शामिल नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।
हाईकोर्ट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स ट्रेनिंग के नियमों के हवाले से कहा कि टीईटी का आयोजन करवा रहे प्राधिकरण को पूरी परीक्षा का इकलौता जिम्मेदार माना गया है। परीक्षा करवाने, प्रश्नपत्र बनवाने, उनकी छपाई, परिणाम का पूरा दायित्व उसी का है। ऐसे में प्राधिकरण इलाहाबाद के सचिव की यह जिम्मेदारी थी कि वे प्रश्नपत्र में पूछे गए प्रश्नों की पुष्टि करते। उनके जवाब से साफ है कि वे प्रश्न-पत्र सेट करने वालों के सिर सारा दोष मढ़ना चाह रही हैं, जो वह नहीं कर सकते हैं।
दुर्लभ और अपवाद-मामला, कोर्ट को ही विश्वास बहाली करनी होगी
हाईकोर्ट ने कहा कि जैसे हालात सामने आए हैं, उसे यह दुर्लभ और अपवाद स्वरूप मामला लगता है, जिसमें परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों और परिणाम को लेकर कोर्ट को हस्तक्षेप करना होगा। मूल्यांकन ने भी उलझनें बढ़ा दी हैं। क्योंकि एक स्तर पर उन अभ्यर्थियों को एक अंक दे दिया गया जिन्हाेंने कुछ विवादित प्रश्नों का जवाब दिया, जबकि जिन्हाेंने प्रश्न अनुत्तरित छोड़ दिए, उन्हें अंक नहीं दिए गए। ऐसे में अब पूरी परीक्षा में विश्वास बहाली जरूरी है और इसके लिए कोर्ट को हस्तक्षेप करना होगा।

ऐसे जांची जाएंगी अब आंसरशीट

परीक्षा प्राधिकरण इन सभी विवादित 14 प्रश्नों को समाप्त करेगा, नई मेरिट लिस्ट बनाने के लिए आंसरशीट के फिर से मूल्यांकन के दौरान इनके कोई अंक गिने नहीं जाएंगे। इस तरह आंसरशीट को 14 कम अंकों के साथ जांचा जाएगा। नए अंकों के आधार पर नई मेरिट लिस्ट बनेगी और किसी को अनुचित फायदा या नुकसान नहीं होगा। एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 करवाई जाए।

भविष्य के लिए निर्देश

- परीक्षा करवा रही संस्था टेस्ट होने के बाद उत्तर-कुंजी का मूल्यांकन करवाए।
- जब आपत्तियां आएं तो उन्हें विशेषज्ञों को जांच के लिए दें।
- सवाल ठीक से फ्रेम हुए थे या नहीं यह भी विशेषज्ञों से दिखवाए।
- विशेषज्ञ यह भी देखें कि जवाब सही थे या नहीं।
- अगर प्रश्न की रचना गलत होने, जवाब के विकल्प गलत होने या प्रिंटिंग में गलती से सही जवाब देना संभव न हो तो ऐसे प्रश्न को तत्काल खारिज कर दें, उसका मूल्यांकन ही न हो।

UPTET 2017 : हाईकोर्ट ने कहा- लाखों अभ्यर्थी दे चुके परीक्षा, इसलिए हम कैंसिल नहीं कर रहे टीईटी Rating: 4.5 Diposkan Oleh: bankpratiyogi

0 comments:

Post a Comment