उत्तर प्रदेश में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में लगभग पांच सौ पदों पर 2018 से भर्ती चल रही है। इसमें संशोधित सूची के अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मामला पांच साल से लंबित है। प्रतीक्षा सूची को लेकर लोक सेवा आयोग व विभागों के बीच चल रहे पत्राचार चल रहा है। इस बीच अब शासन ने चयनित अभ्यर्थियों के ऑनलाइन विकल्प लेकर ऑनलाइन ही नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में खाली पदों के लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से सहायक अध्यापक/ प्रवक्ता के पद पर भर्ती प्रक्रिया की गई थी। इसमें फ्रेश सूची के अभ्यर्थियों की तो तैनाती कर दी गई। किंतु काफी पद खाली रह गए थे। इस पर विभाग के पत्राचार पर आयोग ने प्रतीक्षा सूची जारी कर दी। जबकि नियमत: एक साल के बाद प्रतीक्षा सूची मान्य नहीं होती है। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दोबारा आयोग को पत्र लिखा।
जहां से यह मामला कार्मिक विभाग में गया। इसमें काफी समय लग गया। हाल ही में आयोग ने शासन को चयनित अभ्यर्थियों की दूसरी सूची भेजी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि इसके अनुसार वह आयोग से चयनित अभ्यर्थियों के ऑनलाइन नियुक्ति पत्र जारी कर पदस्थापन करें। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
महत्वाकांक्षी जिलों को प्राथमिकता, 88 में नियमित शिक्षक नहीं
शासन ने निर्देश दिया है कि इन नियुक्तियों में महत्वाकांक्षी जिलों के विद्यालय, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के विद्यालय, जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय मॉडल विद्यालय, तहसील मुख्यालय से दो किलोमीटर बाहर के विद्यालय, तहसील मुख्यालय के अंदर के विद्यालय ऐसी प्राथमिकता पर रिक्तियां जारी की जाएंगी।
दिव्यांगों-महिलाओं को दी जाएगी प्राथमिकता
विशेष सचिव ने कहा है कि एनआईसी अभ्यर्थियों को पांच विकल्प देगा। अभ्यर्थी को हर विकल्प भरना होगा। पहली वरीयता आयोग से चयनित सूची के दिव्यांग व दूसरी वरीयता महिला अभ्यर्थी को दी जाएगी। तीसरी वरीयता जिनके पति-पत्नी सेना, अर्द्धसैनिक बदल में कार्यरत हैं।
इसके बाद अधिकतम आयु वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी। नियुक्ति प्रक्रिया के लिए निदेशालय स्तर पर अपर शिक्षा निदेशक राजकीय की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाई जाएगी।
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