कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल खुलने से हलचल मच गई है। स्वास्थ्य विभाग संजीदा हो गया है। अफसरों ने स्कूल फोकस सैम्पलिंग शुरू करा दी है ताकि बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सके।
पहली मार्च से स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। इसी दौरान मरीजों की संख्या में भी आंशिक बढ़ोत्तरी शुरू हो गई है। प्रयागराज के दो स्कूलों का स्टाफ संक्रमित मिलने के बादलखनऊ में स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। सभी स्कूलों में तैनात शिक्षक और कर्मचारियों की कोरोना जांच कराने का फैसला लिया गया है। सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के मुताबिक स्कूलों में कर्मचारियों की कोरोना जांच शुरू करा दी है। जिन स्कूलों में बच्चे अधिक हैं, पहले उनकी जांच कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि 22 फरवरी से ही कई जगहों पर जांच कराई जा रही है। अधिक से अधिक लोगों की जांच कराई जा रही है ताकि संक्रमितों की समय पर पहचान की जा सके। कोविड प्रोटोकॉल के तहत स्कूलखोले जाएंगे। फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन होगा।
बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि सोमवार व गुरुवार को कक्षा एक और पांच, मंगलवार व शुक्रवार को कक्षा दो व चार और बुधवार व शनिवार को कक्षा तीन के छात्रों की पढ़ाई होगी। हर दिन कुल क्षमता के पचास प्रतिशत बच्चे ही बुलाए जाएंगे। जहां बच्चे अधिक हैं वहां दो -दो पालियों में कक्षा लगाई जाएंगी। बैठने के लिए छह-छह फीट की दूरी पर गोलाकार निशन बनाए जाएंगे। माता पिता की अनुमति अनिवार्य होगी।
एक मार्च से 100 दिन का प्रेरणा ज्ञानोत्सव
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अगले माह एक मार्च से कक्षा एक से पांच तक सभी स्कूल खोले जाएंगे। उसी दिन से बच्चों को एक साल के पढ़ाई के अंतर को पाटने के लिए 100 दिनों का प्रेरणा ज्ञानोत्सव भी शुरू होगा। विकास भवन में जिला शिक्षा एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में सीडीओ प्रभाष कुमार ने की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया है।
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