उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षक भर्ती में हाईकोर्ट ने पीजीडीसीए डिग्री धारकों को राहत दी है। कोई ने कहा है कि इन डिग्री धारकों को साक्षात्कार में शामिल किया जाए, मगर सफल होने पर नियुक्तपत्र कोर्ट की अनुमित के बिना न दिया जाए। योगेंद्र सिंह और कई अन्य द्वारा दाखिल विशेष अपील पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यामूर्ति सलिल कुमार राय की पीठ ने दिया।.
अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और सीमांत सिंह ने पक्ष रखा। इससे पूर्व एकल न्यायपीठ ने इस मामले में दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। याचीगण का कहना था कि नियुक्ति के लिए अनिवार्य अर्हता कंप्यूटर में ओ लेवल प्रमाणपत्र है। याचीगण के पास पीजीडीसीए के डिग्री है जो ओ लेवल से उच्च योग्यता की डिग्री है इसलिए उनको भी चयन में शामिल किया जाए। .
कोर्ट के अंतरित आदेश से याचीगण 11 सिंतबर 2016 को आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल हुए। इसका परिणाम 10 अग्रस्त 2018 को आया जिसमें याचीगण सफल घोषित किए गए। मगर कोर्ट ने साक्षात्कार में बुलाने की मांग अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। .
एकलपीठ का कहना था कि ओ लेवल प्रमाणपत्र विज्ञापन में शामिल शर्त है जिसे याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। इसके खिलाफ विशेष अपील दाखिल की गई। कहा गया कि तीन विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पीलजीडीसीए की डिग्री ओ लेवल से उच्च है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत याचीगण को साक्षात्कार में शामिल करने का निर्देश दिया है।
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