Monday 15 October 2018

BTC 2015 पेपर लीक मामले में एसटीएफ के रडार पर प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी, रायबरेली से एक को उठाया


इलाहाबाद : बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर पेपर लीक मामले में स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर अब प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी आ गए हैं। एंड्रायड फोन प्रयोग करने वालों पर शक ज्यादा है। 1कर्नलगंज निवासी दीप्ति इंटरप्राइजेज के आशीष अग्रवाल और बाई का बाग कीडगंज निवासी भार्गव प्रेस के मालिक अरविंद भार्गव को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। पेपर की प्रिंटिंग भार्गव प्रेस में हुई थी, लिहाजा वहीं के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। एसटीएफ को पता चला है कि भार्गव प्रेस में सामान्य दस्तावेज की तरह गोपनीय प्रश्नपत्र की छपाई हुई और कंप्यूटर में भी यूएसबी पोर्ट लगा था, जिससे कोई भी पेपर चुरा सकता है।

यह भी माना गया है कि जिस कर्मचारी ने पेपर को लीक किया है, उसका मकसद किसी अपने का फायदा करना या बेचना रहा होगा। एसटीएफ को उसी शख्स की तलाश है, जिसने प्रेस से पेपर को बाहर निकाला। एसटीएफ ने ऐसे सभी कर्मचारियों की लिस्ट, मोबाइल नंबर और पते की जानकारी मांगी है। उनके वाट्सएप भी चेक किए जाएंगे और उनकी कॉल डिटेल रिपोर्ट भी निकलवाई जाएगी। सीओ एसटीएफ नवेंदु कुमार का कहना है कि पेपर लीक मामले के बारे में जल्द ही कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी।

कौशांबी : बीटीसी पेपर लीक मामले पुलिस ने रायबरेली से एक संदिग्ध युवक को उठाया है। उससे पूछताछ चल रही है। वहीं कुछ शिक्षाकर्मियों से पूछताछ करते हुए दो का मोबाइल जब्त किया गया है। बीटीसी पेपर लीक मामले को लेकर क्राइम ब्रांच लगातार छापेमारी कर संदिग्ध युवकों की तलाश कर रही है। ओसा स्थित एक कॉलेज के तीन कर्मचारियों से रविवार को पूछताछ के बाद पुलिस ने दो लोगों के मोबाइल जब्त किए। मोबाइल पर पेपर लीक होने से दो दिनों पहले और उसके बाद किन लोगों को बात की गई। इसकी जांच चल रही है। पुलिस शिक्षा विभाग समेत कई संदिग्ध युवकों के नंबर को सर्विलांस के जरिए ट्रेस कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रायबरेली के युवक से पूछताछ में कुछ सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर जांच को बढ़ाया जा रहा है।




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