बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की रफ्तार पिछले डेढ़ साल में धीमी पड़ गई है। पूर्व की सपा सरकार में जहां 1,45,357 सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई थी। वहीं, पिछले डेढ़ साल में महज 5948 शिक्षकों की ही तैनाती हो *सकी है।.
ये 5948 शिक्षक भर्ती 12460 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त हुए हैं जो कि सपा सरकार में दिसंबर 2016 में शुरू हुई थी। नई सरकार बनने के बाद मार्च 2017 में भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। एक साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अभ्यर्थियों को एक मई 2018 को नियुक्ति पत्र दिए गए।.
इसके अलावा सरकार ने नौ जनवरी को 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की। पहली बार उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराई गई जिसमें 41556 अभ्यर्थी ही सफल हो सके हैं। इन्हें 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है।.
वहीं, 2012 से दिसंबर 2016 तक रिकॉर्ड भर्ती हुई थी। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में 66655 युवाओं को नौकरी मिली। 9770 सहायक अध्यापक भर्ती में 3277, 10800 में 7479 व 10 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 5030 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था।.
4280 व 3500 सहायक अध्यापक उर्दू भाषा के लिए क्रमश: 1641 व 2600 को नौकरी मिली थी। उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में 26115 अभ्यर्थियों को निर्गत पत्र दिया गया। वहीं 15000 भर्ती में 14219 को नौकरी मिली। 16448 सहायक अध्यापक भर्ती में लगभग 16000 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। 4000 सहायक अध्यापक उर्दू भाषा का चयन रुका हुआ है। हालांकि सरकार अगली 68500 भर्ती दिसंबर तक कराने की तैयारी कर रही है।.
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