पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 का पेपर बदलने के मामले में लोक सेवा आयोग प्रिंटिंग प्रेस के खिलाफ कार्रवाई परीक्षा के बाद करेगा। अभी आयोग कोई कदम इसलिए नहीं उठा रहा है क्योंकि पीसीएस मेन्स के बाकी विषयों के पेपर भी इसी प्रेस में तैयार होने हैं। इस वजह से प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
यहां तक की पुलिस द्वारा प्रिंटिंग प्रेस का नाम मांगे जाने पर उसे भी जानकारी नहीं दी गई। आयोग सूत्रों के मुताबिक प्रिंटिंग प्रेस को डिबार करने के साथ ही उसके ऊपर लंबा अर्थदंड भी लगाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक आयोग का प्रिंटिंग प्रेस के साथ जो करार होता है उसमें गोपनीयता भंग होने पर कार्रवाई के प्रावधान का उल्लेख किया जाता है। 19 जून को पहली पाली में पीसीएस मेन्स 2017 के अनिवार्य विषय सामान्य हिन्दी के स्थान पर दूसरी पाली में होने वाले निबंध का पेपर भेजकर प्रिंटिंग प्रेस ने एक तरीके से गोपनीयता ही भंग की है।
19 जून को जीआईसी में सामान्य हिन्दी के स्थान पर निबंध का पेपर बंटने के बाद जमकर हंगामा हुआ था। आयोग ने सामान्य हिन्दी के साथ ही निबंध की परीक्षा भी निरस्त कर दी थी, जो अब सात जुलाई को फिर से कराई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक फिर से परीक्षा कराने पर आयोग को लाखों रुपये का अतिरिक्त व्यय करना होगा। आयोग दंड स्वरूप यह रकम प्रिंटिंग प्रेस से वसूल सकता है। हालांकि इस मामले की जांच के लिए आयोग के सचिव जगदीश की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
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