इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और चेयरमैन पर नौकरियां बेचने का आरोप लगाकर सैकड़ों प्रतियोगियों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। इलाहाबाद के लाउदर रोड पर स्थित आयोग के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रतियोगियों के घेराव से सड़क यातायात जाम रहा। घंटों चले प्रदर्शन के बाद शाम होते ही क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। 1प्रतियोगियों का कहना था कि एसएससी की परीक्षाएं ऑनलाइन कराने की आड़ में बड़ा ‘खेल’ हो रहा है। चेयरमैन लाखों रुपये लेकर नौकरियां बेच रहे हैं और कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने वाले गरीब व मध्यम वर्ग के प्रतियोगी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। नौकरियों के रेट फिक्स होने की तख्तियां भी प्रदर्शनकारियों ने आयोग कार्यालय पर टांग रखी थीं। ‘एसएससी तू तो बदनाम निकली खुलेआम’, ‘एसएससी तू बेवफा निकली’, ‘हम करें तैयारी तुम बेचो नौकरी’, ‘एसएससी की एक दवाई सीबीआइ-सीबीआइ’ जैसे अनेक नारे भी आम रहे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे मो. वसीम ने बताया कि 2013 से अब तक हुई परीक्षाओं की सीबीआइ जांच की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सीजीएल 2013 परीक्षा में टियर-वन का पूरा पेपर लीक हुआ था। प्रतियोगी नितांत त्रिवेदी ने कैट दिल्ली में याचिका दाखिल की थी जिसके आधार पर उक्त परीक्षा रद हो गई थी। एसएससी ने यह परीक्षा दोबारा कराई जिसका परिणाम 2014 में आया। लेकिन, मेरिट काफी हाई चली गई। इसके खिलाफ भी आंदोलन हुआ तो एसएससी ने बदली मेरिट से परिणाम जारी किया।1अन्य प्रतियोगियों ने एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा कराने वाले प्राइवेट कंप्यूटर संस्थानों पर घोटाले का तगड़ा आरोप लगाया। कहा कि एमटीएस परीक्षा में खूब भ्रष्टाचार हो रहा है और एसएससी के अधिकारी मूक दर्शक हैं। फिलहाल सैकड़ों छात्र दिन भर एसएससी के मध्य क्षेत्र कार्यालय के बाहर ही डटे रहे और शाम को क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
Tuesday, 6 March 2018
SSC : पांच वर्षों में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग , क्रमिक अनशन शुरू
इलाहाबाद : कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और चेयरमैन पर नौकरियां बेचने का आरोप लगाकर सैकड़ों प्रतियोगियों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। इलाहाबाद के लाउदर रोड पर स्थित आयोग के मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रतियोगियों के घेराव से सड़क यातायात जाम रहा। घंटों चले प्रदर्शन के बाद शाम होते ही क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। 1प्रतियोगियों का कहना था कि एसएससी की परीक्षाएं ऑनलाइन कराने की आड़ में बड़ा ‘खेल’ हो रहा है। चेयरमैन लाखों रुपये लेकर नौकरियां बेच रहे हैं और कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने वाले गरीब व मध्यम वर्ग के प्रतियोगी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। नौकरियों के रेट फिक्स होने की तख्तियां भी प्रदर्शनकारियों ने आयोग कार्यालय पर टांग रखी थीं। ‘एसएससी तू तो बदनाम निकली खुलेआम’, ‘एसएससी तू बेवफा निकली’, ‘हम करें तैयारी तुम बेचो नौकरी’, ‘एसएससी की एक दवाई सीबीआइ-सीबीआइ’ जैसे अनेक नारे भी आम रहे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे मो. वसीम ने बताया कि 2013 से अब तक हुई परीक्षाओं की सीबीआइ जांच की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सीजीएल 2013 परीक्षा में टियर-वन का पूरा पेपर लीक हुआ था। प्रतियोगी नितांत त्रिवेदी ने कैट दिल्ली में याचिका दाखिल की थी जिसके आधार पर उक्त परीक्षा रद हो गई थी। एसएससी ने यह परीक्षा दोबारा कराई जिसका परिणाम 2014 में आया। लेकिन, मेरिट काफी हाई चली गई। इसके खिलाफ भी आंदोलन हुआ तो एसएससी ने बदली मेरिट से परिणाम जारी किया।1अन्य प्रतियोगियों ने एसएससी की ऑनलाइन परीक्षा कराने वाले प्राइवेट कंप्यूटर संस्थानों पर घोटाले का तगड़ा आरोप लगाया। कहा कि एमटीएस परीक्षा में खूब भ्रष्टाचार हो रहा है और एसएससी के अधिकारी मूक दर्शक हैं। फिलहाल सैकड़ों छात्र दिन भर एसएससी के मध्य क्षेत्र कार्यालय के बाहर ही डटे रहे और शाम को क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
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