पेपर में जो भी त्रुटियों की शिकायत मिल रही है, उसकी जांच कराएंगे। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए जो दिशा-निर्देश तैयार होंगे, उनमें इसका समाधान करेंगे।-नीना श्रीवास्तव, सचिव यूपी बोर्ड
प्रश्नपत्रों की गलतियां यूपी बोर्ड के लिए मुसीबत का सबब बन गई हैं। इंटर के परीक्षार्थियों से प्राइमरी टीचरों की ‘कामचोरी’ पर पत्र लिखवाने संबंधी प्रश्न से पहले भी कुछ गलत प्रश्न पूछे जा चुके हैं। इंटर साहित्यिक हंिदूी और हाईस्कूल विज्ञान के प्रश्नपत्र में भी गलत सवाल आ चुके हैं। इंटर अर्थशा द्वितीय प्रश्नपत्र में बारंबारता से जुड़े एक प्रश्न को लेकर भी विवाद है। ऐसे में कुछ परीक्षार्थियों ने गलत प्रश्न हल कर दिया तो कई ने प्रश्न छोड़ देना बेहतर समझा।
छह फरवरी को प्रथम पाली में इंटर हंिदूी साहित्य के प्रश्नपत्र संकेतांक 301 (एएफ) में प्रश्न संख्या 7(ख)(2) में त्रुटिपूर्ण सवाल पूछा गया था। इसमें नाटक ‘आन का मान’ के आधार पर परशुराम का चरित्र चित्रण करने को कहा गया था, जबकि इस नाटक में परशुराम का चरित्र नहीं है।
20 फरवरी को आयोजित हाईस्कूल विज्ञान की परीक्षा में अंग्रेजी माध्यम के प्रश्नपत्र के प्रश्नसंख्या 9 (ए) में तीसरे स्थान पर विकल्प एस्ट्रोजेन दिया था। पेपर में इस शब्द की शुरुआत अंग्रेजी के ए शब्द से हो रही थी जबकि ए की जगह ई होना चाहिए था। स्पेलिंग की गलती से विकल्प ही गलत हो गया
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