नए शैक्षिक सत्र से माध्यमिक शिक्षा के 125 स्कूल दीनदयाल उपाध्याय मॉडल स्कूलों के तौर पर चलाए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने 2018-19 के बजट में 26 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। वहीं बजट में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को बेहतर करने पर खास ध्यान दिया गया है। इन 125 नए राजकीय मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी व गणित पर खासा ध्यान दिया जाएगा। वहीं बेसिक शिक्षा में हफ्ते में एक बार फल बांटने की योजना भी निर्बाध रूप से जारी रहेगी। इसके लिए सरकार ने बजट में 167 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। वहीं सर्व शिक्षा अभियान के तहत 18 हजार, 167 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। किताबों के लिए 76 करोड़ और यूनिफार्म के लिए 40 करोड़ रुपये रखे गए हैं। सर्व शिक्षा अभियान की योजनाओं में केन्द्र व राज्य दोनों की भागीदारी रहती है। खास-खास: ’ फर्नीचर, पेयजल, बिजली, चाहरदीवारी आदि के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ’ हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में मेधावियों के सम्मान के लिए 85 लाख रुपये का प्रावधान है। ’ सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में विदेशी भाषा की पढ़ाई के लिए 11.20 लाख रुपये का बजट में प्रावधान है।’ करोड़ दीनदयाल उपाध्याय स्कूलों के लिए राजकीय मॉडल स्कूलों के संचालन के लिए 26 करोड़ की व्यवस्था है। ’ मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
25 राजकीय मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी व गणित पर जोर
करोड़ माध्यमिक शिक्षा अभियान पर
करोड़ रुपये स्कूलों में फल वितरण के लिए
बजट 2018 : 125 दीनदयाल उपाध्याय मॉडल स्कूल बनेंगे, प्राइमरी पर जोर
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Diposkan Oleh: bankpratiyogi
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