इलाहाबाद वरिष्ठसंवाददाताप्रदेशभर के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के 1.54 करोड़ से अधिक छात्र-छात्रओं को स्कूल स्तर से स्वेटर वितरित करने के शासन के फरमान से शिक्षकों में खासी नाराजगी है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष, हेडमास्टर और दो नामित सदस्यों के माध्यम से एक महीने में खरीद प्रक्रिया पूरी करने के लिए बुधवार को जारी आदेश का शिक्षक विरोध कर रहे हैं।शिक्षकों का कहना है कि जब सरकार खुद 200 रुपये में स्वेटर नहीं खरीद सकी तो शिक्षकों के सिर मढ़ दिया गया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि इतने कम रुपये में अच्छी गुणवत्ता का स्वेटर खरीदना संभव नहीं है। सरकार जब खुद 235 रुपये में स्वेटर नहीं बांट सकी तो हम शिक्षकों पर अब 200 रुपये में बांटने की जिम्मेदारी थोपी जा रही है।यह हमारे साथ घोर अन्याय है। जिस प्रकार जूता-मोजा बांटा गया उसी तरह से स्वेटर भी बांट देना चाहिए था। जूता तो एक-एक बच्चे का नापकर खरीदना था लेकिन जब सरकार उसे केंद्रीयकृत व्यवस्था से खरीद सकती है तो स्वेटर बांटने में क्या परेशानी। स्वेटर बांटने का काम हमको फंसाने के लिए दिया गया है जिसका हम विरोध करते हैं। इसके लिए मिला पैसा और समय दोनों कम है। गौरतलब है कि बुधवार को जारी आदेश के अनुसार स्वेटर खरीदने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनेगी जिसमें विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) का अध्यक्ष, स्कूल के प्रधानाचार्य के अलावा एसएमसी के दो ऐसे सदस्य होंगे। राज्य सरकार बीते दो महीने से प्रदेश स्तर पर स्वेटर खरीद की कोशिश कर रही है। लेकिन लगातार असफल रही।
प्रदेश सरकार स्कूलों में स्वेटर खरीद में विफल होने के बाद अब एसएमसी के माध्यम से इतने कम रुपये में बांटने की बात कर रही है जो शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही करने की साजिश है। हम अपने संघ की ओर से विद्यालयों में स्वेटर खरीद का विरोध करते हैं।-दिलीप कुमार सिंह, मंडलीय महामंत्री जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ
आक्रोश : बच्चों के ‘स्वेटर’ से गुरुजी का पारा हुआ गरम
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Diposkan Oleh: bankpratiyogi
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