इलाहाबाद प्रमुख संवाददातासपा शासनकाल के दौरान हुई भर्तियों की सीबीआई जांच के खिलाफ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की ओर से दाखिल याचिका में प्रतियोगी छात्र भी पक्षकार बनेंगे। नौ जनवरी को मामले की सुनवाई होनी है। प्रतियोगी छात्रों के अधिवक्ता आलोक मिश्र इस दिन हाईकोर्ट में इंटरवेंशन एप्लीकेशन दाखिल कर मुकदमे में प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति को पक्षकार बनाकर उनका भी पक्ष सुनने की अपील करेंगे।पक्षकार बनने के पीछे प्रतियोगियों का उद्देश्य हाईकोर्ट को यह बताना है कि उनके द्वारा भर्तियों की सीबीआई जांच कराने की मांग आखिर क्यों की जा रही है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की ओर से सीबीआई जांच की मांग को लेकर फरवरी 2014 को पीआईएल दाखिल की गई थी। बाद में इसी मांग को लेकर 2015 में एक पीआईएल जेएफ रिबेरो एवं अन्य की ओर से भी दाखिल की गई। एक याचिका हिमांशु राय एवं अन्य की ओर से भी दाखिल की गई है। इन याचिकाओं के जरिए हाईकोर्ट के समक्ष सपा शासनकाल के दौरान आयोग की भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों के संबंध में तमाम साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। प्रतियोगी छात्र पक्षकार बनकर कोर्ट के समक्ष यह सभी साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहते हैं। प्रतियोगी छात्रों की मांग पर प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2012 से मार्च 2017 तक लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की है। सीबीआई ने राज्य सरकार की संस्तुति को स्वीकार कर जांच की अधिसूचना जारी कर दी है। अध्यक्ष डॉ. अनिरुद्ध सिंह यादव एवं सदस्यों ने याचिका दाखिल कर सीबीआई जांच को यह कहते हुए चुनौती दी है कि आयोग संवैधानिक संस्था है इसलिए इसकी सीबीआई से जांच नहीं कराई जा सकती है।
लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका दाखिल करने के बाद प्रतियोगियों ने सवाल उठाया है कि जब अध्यक्ष और सदस्य किसी मुकदमे में पक्षकार (पार्टी) नहीं हैं तो उनकी ओर से जांच के खिलाफ याचिका आखिर क्यों दाखिल की गई ? प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि फरवरी 2014 में उनकी ओर से सीबीआई जांच की मांग को लेकर जो पीआईएल दाखिल की गई थी, उसमें आयोग के सचिव को पक्षकार बनाया गया था। समिति की ओर से आयोग के खिलाफ दाखिल अन्य मुकदमों में भी सचिव को ही पार्टी बनाया गया है। ऐसे में सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका भी सचिव को ही करनी चाहिए थी। अवनीश का दावा है कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका दाखिल करने के लिए पहले सचिव पर दबाव बनाया था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो अध्यक्ष और सदस्य खुद हाईकोर्ट चले गए |
सीबीआई जांच के खिलाफ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की ओर से दाखिल याचिका में प्रतियोगी छात्र भी पक्षकार बनेंगे
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Diposkan Oleh: bankpratiyogi
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