इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददातासरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रस्तावित लिखित परीक्षा में 60 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता के विरोध में अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज पर बुधवार को प्रदर्शन किया। बेरोजगारों का कहना है कि लिखित परीक्षा में क्वालीफाइंग मार्क्स न रखा जाए क्योंकि वे पहले से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में क्वालीफाइंग मार्क्स हासिल कर चुके हैं।शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में क्वालीफाइंग मार्क्स रखने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इस परीक्षा में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही शामिल हो रहे हैं। एक ही भर्ती में दो पात्रता परीक्षा कराने के सरकार के निर्णय से बीटीसी अभ्यर्थी मानसिक रोगी हो चुके हैं। यह निर्णय उनके साथ धोखा है। परीक्षा में लघु उत्तरीय प्रश्न भी सवालों के घेरे में आते हैं क्योंकि किसी भी परीक्षा का सबसे उत्कृष्ट मूल्यांकन आब्जेक्टिव पेपर के माध्यम से ही किया जा सकता है। परीक्षा से पहले मॉडल पेपर जारी करने की भी मांग की ताकि अभ्यर्थी उसकी तैयारी कर सकें। परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएं। टीईटी 2017 का रिजल्ट जल्द घोषित किया जाए। प्रदर्शन करने वालों में पंकज कुमार, शिखा यादव, दीपा यादव, प्रीति सिंह, ज्योति सिंह, ज्योति वर्मा, किरन मौर्य, सुमन यादव, नीलू आदि शामिल थीं।
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता के विरोध में एलनगंज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के समक्ष बुधवार को प्रदर्शन करते अभ्यर्थी। ’ हिन्दुस्तान
68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती ; 60 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता मंजूर नहीं ,
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