Saturday, 22 February 2025

2026 से बीएड, एमएड और आईटीईपी में राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा से होगा दाखिला

 नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से बीएड, एमएड और चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) में दाखिला राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर मिलेगा। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से अगले सत्र से बीएड, एमएड और 12वीं कक्षा के बाद शिक्षक बनने वाले प्रोग्राम यानी चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम की दाखिला प्रक्रिया के मानकों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है।


अभी तक बीएड की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेज और विश्वविद्यालय नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, विश्वविद्यालयों की अपनी प्रवेश परीक्षा और अंकों के अन्य मानकों के आधार पर मेरिट तैयार करके सीट आवंटित करते हैं। एनसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज अरोड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के तहत एनसीटीई रेग्यूलेशन 2025 तैयार किया गया है। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर फोकस है।

दरअसल, एनईपी 2020 के तहत शिक्षक बनने के इन सभी प्रोग्राम के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। नए पाठ्यक्रम के तहत


शिक्षक बनने के इन प्रोग्राम की पढ़ाई के साथ गुणवत्ता बेहद जरूरी है। इसीलिए अगले शैक्षणिक सत्र से बीएड के इन सभी प्रोग्राम में दाखिला राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर मिलेगा। बीएड पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करवाने वाले सभी कॉलेजों को इसी मेरिट से ही दाखिला सीट देनी होगी। इससे पारदर्शिता आएगी।

एनटीए तीन अलग-अलग परीक्षा आयोजित करेगा

एनटीए बीएड, एमएड और चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) के लिए तीन अलग-अलग राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। इसकी घोषणा इसी साल के अंत तक होगी। इसके बाद इन पाठ्यक्रम की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एनटीए के पास इन राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण करना होगा, ताकि छात्रों को पता लग सके कि उनके पास दाखिले के लिए कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं।


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