Sunday, 19 January 2025

आठवां वेतन आयोग के लागू होते ही DA और DR हो जाएगा शून्य (0)? जानिए क्या है नियम

 केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिससे लोगों के मन में कई सवाल उठने लगे हैं। खासतौर पर महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को लेकर चर्चाएं तेज हैं। यह कहा जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग के लागू होने पर डीए और डीआर को शून्य कर दिया जाएगा। दरअसल, पांचवें वेतन आयोग में एक विशेष प्रावधान था, जिसके तहत डीए और डीआर 50% से अधिक होने पर इसे बेसिक सैलरी या बेसिक पेंशन में स्वतः जोड़ दिया जाता था। इसका उद्देश्य सैलरी संरचना को सरल बनाना था। हालांकि, छठे और सातवें वेतन आयोग में यह प्रावधान नहीं था।


सातवें वेतन आयोग के प्रावधान

छठे और सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज नहीं किया गया। इसके बजाय, वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर सैलरी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय की जाती हैं। इसका मतलब यह है कि वर्तमान में महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में शामिल नहीं होता है। डीए की बढ़ोतरी केवल समय-समय पर या नए वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।

महंगाई को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार हर छह महीने में कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए में संशोधन करती है। यह जनवरी और जुलाई में लागू किया जाता है। डीए में अगली वृद्धि की घोषणा मार्च 2025 में होने की संभावना है।

क्या डीए 50% होने पर शून्य हो जाएगा?

महंगाई भत्ता कर्मचारियों की सैलरी का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे उनकी बेसिक सैलरी या पेंशन के आधार पर तय किया जाता है। वर्तमान वेतन आयोग में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि डीए 50% से अधिक होने पर इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर शून्य कर दिया जाए। इसी प्रकार, महंगाई राहत (डीआर) के लिए भी ऐसा कोई नियम नहीं है।

फिटमेंट फैक्टर क्या है?

फिटमेंट फैक्टर वह मापदंड है, जिसके जरिए सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन की गणना की जाती है। यह आयोग की सिफारिश के अनुसार लागू किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है और आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.5 निर्धारित होता है, तो उसकी बेसिक सैलरी बढ़कर 50,000 रुपये हो जाएगी। इसी तरह पेंशन की गणना भी की जाएगी।

आठवें वेतन आयोग कब लागू होगा?

सरकार आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू करती है। सातवां वेतन आयोग 2016 में और छठा 2006 में लागू हुआ था। इसी क्रम में, आठवें वेतन आयोग को 2026 तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि इसे 2026 तक लागू कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। वर्तमान में देश में सातवां वेतन आयोग लागू है, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है।


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