गुरुनानक जयन्ती/कार्तिक पूर्णिमा
15 नवम्बर 2024 शुक्रवार
15 नवम्बर 2024 को शुक्रवार के दिन, पूरे देश में गुरुनानक जयन्ती और कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस विशेष अवसर पर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है, ताकि छात्र और शिक्षक दोनों इस पर्व का आनंद ले सकें और इसमें भाग ले सकें।
गुरुनानक जयन्ती का महत्व
गुरुनानक जयन्ती सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था और वे सिख धर्म के संस्थापक माने जाते हैं। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। गुरुद्वारों में इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें कीर्तन, लंगर और संगत शामिल होते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस पर्व का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे धर्म, भक्ति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
परिषदीय विद्यालयों में अवकाश
गुरुनानक जयन्ती और कार्तिक पूर्णिमा के विशेष पर्व को ध्यान में रखते हुए, परिषदीय विद्यालयों में 15 नवम्बर 2024 को अवकाश घोषित किया गया है। इस अवकाश का उद्देश्य है कि छात्र और शिक्षक दोनों इस विशेष दिन को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मना सकें और धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकें।
समाज में एकता और सौहार्द का प्रतीक
इस प्रकार के त्योहार और अवकाश समाज में एकता और सौहार्द को बढ़ावा देते हैं। ये पर्व न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि सामाजिक बंधनों को भी सशक्त बनाते हैं। गुरुनानक जयन्ती और कार्तिक पूर्णिमा का संयुक्त अवकाश छात्रों और शिक्षकों को अपने परिवार और समुदाय के साथ समय बिताने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
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