शिक्षक भर्ती मामले में 4 हजार ओबीसी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की मांग की गई है। OBC अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाली है। ओबीसी अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। ये अभ्यर्थी अनारक्षित वर्ग के समायोजन का विरोध करने की चेतावनी दे रहे हैं
OBC अभ्यर्थियों द्वारा कैविएट दायर कर इस बात की मांग की गई है कि, यदि अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट जाते हैं तो अदालत उनके पक्ष को भी सुने। 4 हजार OBC अभ्यर्थियों के समायोजन की बात कही गई है। यह ओबीसी वर्ग की सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति है क्योंकि इसका संदेश साफ़ है - अगर नई मेरिट लिस्ट में अनारक्षित वर्ग का समायोजन किया जाता है तो OBC अभ्यर्थियों का समायोजन भी होना चाहिए।
बता दें कि, ये वे 4 हजार OBC अभ्यर्थी हैं जिन्होंने इलाहबाद हाई कोर्ट में रिट दायर की थी। इन्होंने कहा था कि, उत्तरप्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में नियमों का पालन नहीं हुआ है। इन्होंने कोर्ट में कहा था कि, 27 प्रतिशत ओबीसी कोटे का पालन नहीं हुआ है। इस तरह यह साफ कर दिया गया है कि, अगर उत्तरप्रदेश सरकार समायोजन करती है तो उसमें ओबीसी वर्ग को भी स्थान देना होगा।बीते दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में फैसला सुनाते हुए सरकार को नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था। अभ्यर्थियों ने अदालत को बताया था कि, भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का सरकार ने पालन नहीं किया। इसके बाद आदित्यनाथ ने अभ्यर्थियों के समायोजन के लिए कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। सीएम ने आश्वस्त किया था कि किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा।
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