उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती को लेकर चल रहा विवाद और लंबा जा सकता है, क्योंकि शुक्रवार (16 अगस्त, 2024) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ डबल बेंच ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द करने का जो आदेश सुनाया उसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया है कि हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकती है।
शिक्षा विभाग के साथ सीएम योगी की अहम मीटिंग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश का विधिक परीक्षण कराना शुरू कर दिया है। मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सहमति के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। कहा जा रहा है कि रविवार (18 अगस्त, 2024) को सीएम योगी आदित्यनाथ शिक्षा विभाग के साथ एक अहम मीटिंग करने वाले हैं। इस बैठक में शिक्षा मंत्री समेत विभाग के सभी अफसर मौजूद रहेंगे।
क्या होगा मीटिंग का एजेंडा?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बैठक का एजेंडा यही होगा कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले को लागू करेगी या SC में अपील करेगी। अगर सरकार हाईकोर्ट के फैसले को लागू करती है तो अगले 3 महीने में फिर से मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी और परिणाम फिर से जारी करने होंगे।
क्या हाईकोर्ट के आदेश के बाद जाएगी शिक्षकों की नौकरी?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद नई मेरिट लिस्ट बनने से बीते 4 साल से सेवाएं दे रहे हजारों टीचर नौकरी से बाहर हो सकते हैं। लेकिन क्या इनको नौकरी से निकाला जाएगा? यह सवाल इस वक्त बड़ा बना हुआ है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नई मेरिट लिस्ट बनाते समय अगर कार्यरत शिक्षकों का नुकसान होता है तो उन्हें शेसन यानी सत्र लाभ दिया जाए। यानी वे वर्तमान शैक्षिक सत्र तक पद पर कार्य करते रहेंगे।
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