लखनऊ। शपथ ग्रहण करते ही योगी सरकार 2.0 ने लोक कल्याण संकल्प पत्र के लक्ष्य पूरे करने के लिए गति पकड़ ली है। सौ दिन, छह माह और वर्षवार लक्ष्य तय कर काम करने का फार्मूला पहले ही मंत्रियों को सुझा चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब मंत्रियों ने कामकाज की भी व्यवस्था तय कर दी है। उन्होंने निर्देश दिया है कि विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सामान्यत: सभी मंत्री सप्ताह में चार दिन लखनऊ में रहकर विभागीय काम देखेंगे, जबकि तीन दिन उन्हें जिलों में रहना होगा।
अपने दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज को लेकर शुरू से ही काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। शपथ ग्रहण वाले दिन ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की पाठशाला लगाकर समझा दिया था कि सौ दिन, छह माह और प्रति वर्ष के लक्ष्य तय कर पांच वर्ष काम करना है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोई पत्रावली न बेवजह लंबित न रखने के निर्देश के साथ ही हिदायत दी थी कि मंत्रियों के कामकाज में परिवार का कतई दखल न हो। मंत्री अपने निजी स्टाफ और अन्य अधीनस्थ पर नजर रखें और योजनाओं की नियमित निगरानी भी करते रहें।
इसी के साथ अब सीएम योगी ने मंत्रियों के लिए नई व्यवस्था भी तय कर दी है। इसके तहत प्रत्येक मंत्री को सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को राजधानी में रहना होगा। सोमवार को जनता से मिलकर फरियाद सुनेंगे। मंगलवार को अमूमन कैबिनेट बैठक होती है, उस दिन जनप्रतिनिधियों को मिलने का समय देंगे। बुधवार और गुरुवार को भी अपने कार्यालयों में बैठेंगे।
कहा गया है कि कैंप कार्यालय (सरकारी आवास) की बजाए जनता, जनप्रतिनिधि व पार्टी पदाधिकारियों से मंत्री अपने कार्यालय में ही मिलें। यहीं से विभागीय काम निपटाएं। जनता से मिलने के लिए उनके पास बनवाएं। इसके बाद शुक्रवार को मंत्रियों को उस जिले में रहना होगा, जहां का उन्हें प्रभारी बनाया जाएगा।
सीएम योगी ने स्पष्ट कहा है कि जाकर एक बैठक या निरीक्षण कर न लौटें। उस जिले में रात्रि प्रवास करें। जनता से मिलकर फीडबैक लें। जनप्रतिनिधियों और अफसरों के साथ बैठक करें। वहां चल ही केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें। वहीं, शनिवार और रविवार को मंत्री अपने-अपने क्षेत्र में रहेंगे। हां, यदि इस बीच कोई विभागीय, पार्टी संबंधी या व्यक्तिगत कारण हो तो इसमें बदलाव भी किया जा सकेगा।
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