15508 पदों का विज्ञापन 18 नवंबर को निरस्त हुआ था
चयन बोर्ड जारी नहीं कर सका संशोधित विज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2021 तक भर्ती के दिए थे आदेश
उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) औऱ प्रवक्ता पीजीटी 2020 महज पांच महीने में पूरी करना चयन बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती होगा। सुप्रीम कोर्ट के मामले में 26 अगस्त को जुलाई 2021 से पहले रिक्त पद भरने के आदेश दिए थे।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने 29 अक्टूबर 2020 को शिक्षकों के 15508 पदों का विज्ञापन भी जारी कर दिया था। लेकिन तदर्थ शिक्षकों के भारांक और जीव विज्ञान विषयमें शामिल न करने से पैदा हुईं विधिक अड़चनों को देखथे हुए 18 नवंबर को विज्ञापन निरस्त कर दिया गया। निरस्त हुए ढ़ाई महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन संशोधित विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने पर चयन बोर्ड को अभ्यार्थियों को ऑनलाइन आवेजन के लिए कम से कम एक महीने का समयदेना होगा। केंद्र निर्धारण और परीक्षा कराने में कम से कम दो महीने ता समय लगेगा। परीक्षा के बाद उत्तर कुंजी जारी करना और उस पर आपत्तियां को लेकर निस्तारण करवाते हुए संशोधित उत्तर कुंजी जारीकरने में भी एक महीने से कम का समय लगेगा। टीजीटी का चयन तो सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर होना है, लेकिन पीजीटी के लिए इंटरव्यू भी कराना होगा। यह तब है जबकि कोई कानूनी अड़टन पैदा न हो। तदर्थ शिक्षकों के भारांक, कला और जीव विज्ञाम के मसले ऐसे हैं जिसमें विवाद तय माना जाता है। सूत्रों के अनुसार वर्तमान परिस्थितियों में पांट महीनों में भर्ती प्रक्रिया पूरी कराना नामुमकिन दिख रहा है।
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