शहरीकरण से अब प्रदेश में गांव की सरकार सिमटने लगी है पांच साल पहले यानी वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव से अब तक राज्य में कोई नई ग्राम पंचायत तो गठित नहीं हुई बल्कि सैकड़ों पंचायत पूर्णतः या आंशिक रूप से शहरी क्षेत्र में जरूर शामिल कर ली गई।
पंचायती राज विभाग द्वारा नगर निगम या नगर पंचायत में पूर्णतः या आंशिक रूप से शामिल की गई ग्राम पंचायतों का ब्यौरा तैयार करने की प्रक्रिया जारी है, मगर राज्य निर्वाचन आयोग को विभाग से मिली सूचना के अनुसार 587 ग्राम पंचायत पूर्ण रूप से और 680 पंचायत आंशिक रूप से शहरी क्षेत्र में शामिल की जा चुकी हैं। जो 680 ग्राम पंचायतें आंशिक रूप से शहरी क्षेत्र में शामिल हुई हैं,
अगर उनकी आबादी एक हजार से कम हो गई है तो अब ऐसी पंचायत के बाकी बचे वार्ड किसी अन्य पंचायत में शामिल किये जा सकते है, 587 ग्राम प्रधान के पद तो ख़त्म हो ही गए है, करीब 2 से 3 हज़ार ग्राम पंचायत सदस्यों के पद ख़त्म होने की बात है
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