Thursday, 17 September 2020

सरकारी नौकरी में संविदा मामले में भाजपा एमएलसी ने लिखा मुख्यमंत्री योगी को पत्र


लखनऊ: समूह ‘ख’ और ‘ग’ की सरकारी नौकरियों में भर्ती के बाद पांच साल तक संविदा पर नियुक्ति के शासन के प्रस्ताव का विपक्षी दलों के बाद अब सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों ने भी मुखर विरोध करना शुरू कर दिया है। भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को रद करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सेवा नियमावली के लागू होने पर नवनियुक्त कर्मचारी पांच साल तक अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे।

प्रस्तावित व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की समूह ‘ख’ और ‘ग’ की नौकरियों में चयनित होने के बाद कर्मचारी शुरुआती पांच वर्षों तक संविदा पर नियुक्त रहेंगे। इन पांच वर्षो के दौरान प्रत्येक छमाही में उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन ‘मेजरेबल की परफार्मेंस इंडीकेटर्स’ के आधार पर किया जाएगा। नियमित होने के लिए कर्मचारी को मूल्यांकन में प्रत्येक वर्ष 60 फीसद अंक पाने होंगे। किन्हीं दो छमाही में 60 प्रतिशत से कम अंक पाने पर उन्हें सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। इसे लेकर भाजपा एमएलसी ने पत्र में कहा कि प्रस्तावित सेवा नियमावली के लागू होने पर सरकारी सेवाओं में चयनित होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। एमएलसी ने कहा कि अधिकारी वर्ग नई सेवा नियमावली को तरह-तरह से कर्मचारियों का शोषण करने का औजार बना सकता है। इससे भ्रष्टाचार के साथ अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच आपसी मतभेद और दूरियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था अत्यंत दोषपूर्ण, अन्याय और शोषण को बढ़ावा देने वाली है। इसके लागू होने से पार्टी और सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना है।

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