प्रियंका गांधी ने सुनी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की व्यथा, बोलीं-आपकी समस्या हमारे लिए है मानवीय संवेदना का मसला
एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा कि बड़ी मेहनत से पढ़ाई की। सोचा था कि परिवार वालों की मदद कर पाऊंगा, लेकिन तीन साल से धक्के खा रहा हूं। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू किया था, कोरोना काल में वह भी बंद है। घर का एक सदस्य प्राइवेट नौकरी करता है, लेकिन अब उनकी भी नौकरी छूट चुकी है।
दो अन्य अभ्यर्थियों ने कहा कि नौकरी न मिलने से उनकी शादी टूट गई। 2016 में 12,460 शिक्षकों की भर्ती होनी थी। विज्ञापन में 51 जिलों में पद थे, लेकिन 24 जिलों में पद शून्य थे। इन्हीं जिलों के अभ्यर्थी तीन साल से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment