Saturday, 5 September 2020

तदर्थ शिक्षकों पर फैसले से नई भर्ती में होगी देरी, अक्टूबर अंत तक नया विज्ञापन जारी होने की उम्मीद


प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ शिक्षकों के मामले में गुरुवार को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर नई भर्ती पर भी पड़ेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड इसी महीने नया विज्ञापन जारी करने की तैयारी में था। लेकिन अब तदर्ध शिक्षकों को नई भर्ती में अवसर और वेटेज देने के लिए चयन बोर्ड को भर्ती शुरू करने में घोड़ा समय लग सकता है। सूत्रों के अनुसार बदली परिस्थितियों में अक्टूबर अंत तक विज्ञापन जारी होने की उम्मीद है। लिखित परीक्षा मई 2021 में कराई जा सकेगी। प्रशिक्षित रात (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के तकरीबन 15 हजार पदों पर शुरू होने जा रही भर्ती में तदर्थ शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा।

 फैसले का असर


तदर्थ शिक्षकों को शामिल करने वेटेज देने को भर्ती में होगी देरी

अक्टूबर अंत तक नया विज्ञापन जारी होने की है उम्मीद

प्रदेशभर से कुल 659 तदर्थ शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा किया था जिनमें से 112 की सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। केवल 547 शिक्षकों(463 टीजीटी और 84 पीजीटी) की सूचना मिली हैं। हालांकि चयन बोर्ड का मानना है कि तदर्थ शिक्षकों की संख्या डेढ़ हजार के आसपास हो सकती है। तदर्थ शिक्षकों को सेवा के अनुसार भारांक देने के निर्देश दिए गए हैं। टोपी में साक्षात्कार समाप्त होने के कारण सिर्फ लिखित परीक्षा में भारांक दिया जा सकेगा जबकि प्रवक्ता पद पर भर्ती के लिए इन शिक्षकों को साक्षात्कार में लाभ मिल सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में दी गई व्यवस्था को चवन बोर्ड को अगले विज्ञापन में शामिल करना होगा। भारांक का फॉर्मूला चयन बोर्ड राज्य सरकार से सहमति के बाद तय करेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में ऐसी परिस्थिति पैदा न होने पाएं। ऐसे में आने वाले समय में शिक्षकों रूप से तदर्थ रूप से नियुक्ति रोकना चयन बोर्ड और प्रदेश सरकार दोनों के लिए बड़ी चुनौती होगी।


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