Thursday, 17 September 2020

बच्चों को एमडीएम के भत्ते का इंतजार, लॉकडाउन के 76 दिनों का बच्चों को दिया जाना था एमडीएम का राशन और बनाने की लागत के रुपये


लखनऊ: राजधानी में बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अब तक नगर क्षेत्र, बीकेटी और मोहनलालगंज ब्लॉक के करीब सवा लाख बच्चों को मिड-डे मिल की कन्वर्जन कॉस्ट (खाना बनाने की लागत) नहीं वितरित हो सकी। मुफलिसी में जी रहें इन बच्चों और उनके अभिभावकों को कन्वर्जन कॉस्ट का इंतजार है। आदेशानुसार यह कॉस्ट बच्चों को जुलाई तक ही मिल जानी चाहिए थी।

आदेश होते ही आननफानन शिक्षकों की लगा दी गई थी ड्यूटी : शासन से इस सम्बंध में आदेश होते ही आननफानन बीएसए ने शिक्षकों को स्कूल बुला लिया गया। जुलाई से ही राशन वितरण और बच्चों के खाते में रुपये डालने के लिए डेटा तैयार किया जाने लगा। जुलाई के अंत तक सभी बच्चों के घर पर राशन और उनके खाते में रुपये पहुंचाने के लिए शिक्षाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भी अब तक सवा लाख बच्चों के खाते में कन्वर्जन कॉस्ट नहीं पहुंची।

’ आठ ब्लाकों और नगर क्षेत्र मिलाकर करीब सवा दो लाख बच्चों को वितरित होना था राशन और कन्वर्जन कॉस्ट।

’ प्राइमरी में 374 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से उसके खाते में भेजी जानी थी कॉस्ट।

’ जूनियर में 561 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से खाते में भेजी जानी थी कॉस्ट।

’ तीन ब्लाकों और नगर क्षेत्र समेत करीब सवा लाख बच्चों अभी नहीं मिली राशि।

’ विद्यालयों की संख्या करीब 1841

दो बार में जो रुपये आए थे उसे समयानुसार छात्रों के खाते में पहुंचा दिया गया है। शिक्षकों और विभाग द्वारा लेट लतीफी नहीं हुई है। करीब सवा लाख बच्चों के खाते में अभी राशि नहीं पहुंची है। उसकी जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। रुपये आते ही बच्चों के खाते में भेज दिए जाएंगे।

- दिनेश कुमार, बीएसए

’>लॉकडाउन के 76 दिनों का बच्चों को दिया जाना था एमडीएम का राशन और बनाने की लागत के रुपये

’ राशन तो बंटा पर राजधानी में नगर क्षेत्र, बीकेटी और मोहनलालगंज ब्लॉक के बच्चों को नहीं मिली राशि

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