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लखनऊ: सूबे में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विद्यालयों में शिक्षकों की नौकरी पाने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। सबसे पहले कस्तूरबा गांधी में उसके बाद बेसिक विद्यालयों में कई मामले पकड़े गए। वहीं, राजधानी के बालिका विद्यालयों में भी 98 शिक्षकों की नियम विरुद्ध हुई भर्ती की जांच चल ही रही है।
अब माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले करीब 4000 शिक्षकों के दस्तावेजों की पड़ताल के लिए जांच दल का गठन किया गया है। डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि दस्तावेजों की जांच के दौरान विद्यालय और शिक्षकों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि विद्यालयों की क्रम संख्या के अनुसार उनके शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए समय सुनिश्चित कर दिया गया है।
ताला और बक्सा लेकर आएं शिक्षक : जांच में शामिल होने आने वाले शिक्षकों के लिए यह निर्देश दिया गया है कि वे ताला और बक्सा साथ लेकर आएं। ऐसा इसलिए ताकि वे अपने दस्तावेज सुरक्षित रख सकें। इसकी व्यवस्था उन्हें अपने स्तर पर करनी होगी।
’>>मंगलवार से राजकीय जुबली कॉलेज में होगी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच
’>>जांच के दौरान कोविड-19 के पूरे प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
ये मूल शैक्षिक प्रपत्र करने होंगे जमा
शिक्षकों को नियुक्ति के समय प्रस्तुत किए गए सभी अभिलेख जमा करने होंगे। जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, शैक्षिक अनुभव प्रमाण पत्र समेत सभी वास्तविक अभिलेखों को फोल्डर में रखकर लाने होंगे। जमा हुए इन अभिलेखों की जांच उनके शैक्षिक बोर्ड से कराई जाएगी।
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