प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों का चयन तय कटऑफ अंकों पर करने का प्राविधान है। अनारक्षित व आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का कटऑफ अंक अलग जरूर होता है लेकिन, पूरी भर्ती एक ही कटऑफ अंक पर होती रही है। 69000 शिक्षक भर्ती में कटऑफ अंक विवाद हाईकोर्ट की एकल पीठ, दो जजों की पीठ से निस्तारित होकर अब शीर्ष कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका करने वाले अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि भर्ती का कटऑफ अंक 68500 शिक्षक भर्ती वाला ही हो। इसमें अब शीर्ष कोर्ट ही तय करेगा कि किस कटऑफ अंक पर अभ्यर्थी चयनित हों।
शीर्ष कोर्ट ने याचिका पर अंतिम फैसले से पहले राज्य सरकार को जो अंतरिम आदेश दिया है, उसमें एक तरह से शासन की ओर से तय कटऑफ अंक को माना है। आदेश दिया गया कि 37339 पदों को छोड़कर सरकार शेष पदों पर नियुक्ति दे सकती है। 69000 पदों की शिक्षक भर्ती इस समय जिस मुकाम पर है उसमें लागू कटऑफ अंक पर चयनित हो चुके अभ्यर्थियों को सही लग रहा है। वजह सामान्य के 65 व आरक्षित वर्ग के 60 फीसद उत्तीर्ण अंक पर ही दोगुने अभ्यर्थी सफल हुए हैं। यदि कटऑफ अंक पिछली भर्ती की तरह सामान्य व ओबीसी का 45 व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसद तय हुआ तो लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वालों की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक हो सकती है। इससे एक पद पर करीब पांच दावेदार होंगे, परीक्षा का परिणाम और जिला आवंटन सूची में बड़ा बदलाव भी होगा।
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