शुरुआत में यह खादी ड्रेस प्रोजेक्ट हर चार जिले के एक ब्लॉक में लागू होगा। नवीन शैक्षिक सत्र जुलाई में शुरू होने जा रहा है। इस सेशन से ही खादी स्कूल यूनिफॉर्म का प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा.
राज्य की बेसिक एजुकेशन मंत्री अनुपमा जैसवाल ने बताया कि खादी को बढ़ावा देने के लिये और इसका महत्व छात्रों को बताने के लिये राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों (1 से 5वीं कक्षा) में खादी यूनिफॉर्म पहनने की पहल की है. हालांकि यह प्रोजेक्ट पायलट बेसिस पर है.
पायलट प्रोटेक्ट:
शुरुआत में इस प्रोजेक्ट को चार जिलों के एक ब्लॉक में लागू किया जाएगा. इसमें बहराइच भी शामिल होगा. अनुपमा जैसवाल के अनुसार यह प्रोजेक्ट जुलाई 2019 में शुरू होने जा रहे शैक्षणिक सत्र से लागू हो जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट का नतीजा जैसा भी आएगा, उसके आधार पर यह तय होगा कि राज्य के दूसरे जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा या नहीं.
ऐसा होगा स्कूल ड्रेस:
पायलट प्रोटेक्ट के तहत लड़कों की पैंट गहरे भूरे रंग की होगी और शर्ट, गुलाबी रंग की. वहीं लड़कियों के लिये गहरे भूरे रंग की स्कर्ट होगी और गुलाबी रंग की शर्ट होगी. शर्ट का कॉलर भूरे रंग का होगा.
मुफ्त मिलेगी ड्रेस:
अभिभावकों को ड्रेस खरीदने या सिलवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्राथमिक शिक्षा विभाग ने नि:शुल्क ड्रेस वितरण के निर्देश जारी कर दिए हैं. जिन स्कूलों में खादी यूनिफॉर्म का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है, वहां 1 से 15 जुलाई के बीच ड्रेस का नि:शुल्क वितरण शुरू कर दिया जाएगा. किसी स्कूल में 1 लाख रुपये से कम मूल्य का ड्रेस वितरित किया जाना है तो विद्यालय प्रबंध समिति के जरिए कोटेशन लिया जाएगा. 1 लाख से अधिक की ड्रेस है तो टेंडर किया जाएगा. कपड़े का सैंपल स्कूल में रखा जाएगा, जिससे निरीक्षण के दौरान उसे दिखाया जा सके.
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