प्रयागराज : हाईकोर्ट ने बिजली विभाग में टेक्नीशियन ग्रेड दो भर्ती का परिणाम रद कर उसमें से गैर मान्यता प्राप्त संस्थाओं का टिपल ‘सी’ प्रमाणपत्र लगाने वाले अभ्यर्थियों को बाहर करने का फैसला खारिज कर दिया है। दो जजों की पीठ ने एकलपीठ के निर्णय को पलटते हुए कहा कि कंप्यूटर की सामान्य जानकारी रखना साक्षरता जैसा मामला है। टिपल ‘सी’ का सर्टिफिकेट कंप्यूटर की सामान्य जानकारी ही देता है।
कोर्ट का कहना था कि विद्युत भर्ती बोर्ड ने पहले ही स्वत: सत्यापित प्रमाणपत्र जमा करने की छूट दी थी जिसे कभी चुनौती नहीं दी गई। दीपक कुमार शर्मा सहित सैंकड़ों अपीलों पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सीडी सिंह की पीठ ने सुनवाई की। उप्र पावर कारपोरेशन ने दो हजार से अधिक पदों पर टेक्नीशियन ग्रेड दो भर्ती का विज्ञापन जारी किया था।
पक्षकारों के व्यक्तिगत अधिकार तय करने के लिए नहीं कोर्ट की शक्तियां : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 226 से संविधान ने हाईकोर्ट को असामान्य शक्ति दी है, इसका इस्तेमाल पक्षकारों के व्यक्तिगत अधिकारों को तय करने के लिए नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 936 सीसीटीवी कैमरे सहित लखनऊ में आग से हुई छति की भरपाई करते हुए भुगतान का समादेश जारी करने के मामले में हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया और कहा कि याची सिविल वाद दायर कर सकता है और याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीके जायसवाल तथा न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मेसर्स आइपी जैकेट टेक्नालॉजी इंडिया प्रालि कंपनी की याचिका पर दिया है।
0 comments:
Post a Comment