बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति पत्र के आधार पर शिक्षकों के रिक्त पद तय कर रही सरकार, गणित-विज्ञान शिक्षक भर्ती का मामला
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 विज्ञान-गणित शिक्षक भर्ती के अवशेष पदों को लेकर तकरार शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग जहां जारी नियुक्ति पत्रों के आधार पर बचे पदों को ही रिक्त मान रहा है, वहीं अभ्यर्थी रिक्त पदों का आंकड़ा दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं। भर्तियां दो माह में पूरी होने की उम्मीद है।
परिषदीय स्कूलों में विज्ञान-गणित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हर अभ्यर्थी ने करीब 40 से 50 जिलों में आवेदन किया था। इसके लिए सात चरणों में काउंसिलिंग कराई गई, जबकि आठवें चरण में होने वाली काउंसिलिंग 82 अंक वालों के लिए हुई थी। काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों ने प्रमाणपत्रों की फोटो कॉपी का उपयोग किया। इससे अच्छी मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन कई-कई जिलों के लिए हो गया। सभी जिलों ने उनके नियुक्ति पत्र भी निर्गत किए, ऐसे अभ्यर्थियों ने कार्यभार एक ही जगह पर ग्रहण किया, बाकी जिलों में पद रिक्त हो गया। दरअसल सब जगह काउंसिलिंग एक साथ हुई इसलिए तमाम सीटें रिक्त रह गईं। अभ्यर्थियों का दावा है कि इस भर्ती के करीब सात हजार से अधिक पद विभिन्न जिलों में रिक्त हैं। अवशेष पदों पर नियुक्ति की लंबे समय से मांग चल रही है, सुनवाई न होने पर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचे, हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में रिक्त पदों पर नियुक्तियां पूरा करने का निर्देश दिया है।
भाषा चयन पर रिजल्ट अनवैलिड : यूपी टीईटी 2018 की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी संतोष कुमार अधर में अटक गए हैं। उन्हें वैसे तो परीक्षा में 129 अंक मिले हैं लेकिन, परिणाम अनवैलिड हो गया है। संतोष ने ओएमआर शीट पर सारी सूचनाएं सही भरी और भाषा के विकल्प में अंग्रेजी का चयन भी किया लेकिन, संत एंटोनी गल्र्स इंटर कालेज परीक्षा केंद्र की कक्ष निरीक्षक ने संस्कृत भाषा को चुनकर ओएमआर पर क्रॉस बना दिया है इससे उनका परिणाम अटक गया है। अब संतोष परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से लेकर कक्ष निरीक्षक तक की दौड़ लगा रहे हैं।
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