Friday 19 October 2018

आगामी शिक्षक भर्ती की परीक्षा से पहले बदलनी होगी नियमावली


परिषदीय स्कूलों में 95 हजार से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 6 जनवरी को प्रस्तावित लिखित परीक्षा से पहले उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन करना होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्राथमिक स्तर की शिक्षक भर्ती के लिए बीएड को मान्य कर लिया है। 18 नवंबर को प्रस्तावित यूपी-टीईटी के लिए प्राथमिक स्तर में बीएड डिग्रीधारियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए हैं।.

लेकिन इसका प्रावधान अभी नियमावली में नहीं किया गया है। साथ ही एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार बीएड डिग्रीधारियों के लिए सहायक अध्यापक पद पर मौलिक नियुक्ति से पहले छह महीने के प्रशिक्षण का भी प्रावधान करना होगा। नियमावली में कैबिनेट से मंजूरी के बाद ही अगली शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। इसी साल किए गए 21वें व 22वें संशोधन में वर्षों पुरानी जिला वरीयता की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी।जिसका नतीजा था कि 68500 शिक्षक भर्ती में डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) इलाहाबाद से बीटीसी की ट्रेनिंग लेने वाले प्रशिक्षु को गाजियाबाद, लखनऊ या अपने किसी भी पसंदीदा जिले में तैनाती दी गई। जुलाई 2011 में निशुल्क एवं अनिवार्य आरटीई 2009 लागू होने के बाद शिक्षकों की भर्ती में कई बदलाव किए गए।सितंबर 2011 में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए टीईटी अनिवार्य की गई और 2017 में सरकार बदलने के बाद शिक्षक भती के लिए लिखित परीक्षा की व्यवस्था लागू कर दी गई।




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