लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयन प्रकिया शुरू होने के बाद अर्हता अंक कम करने को गंभीरता से लिया है। इसका कारण न बता पाने पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा और सरकारी वकील को आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने शिक्षकों के चयन को अपने अग्रिम आदेश के अधीन कर लिया। यह आदेश न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने अविनाश कुमार व अन्य सहित कई अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव प्रभात के उस जवाब पर हैरानी जताई है जिसमें उन्होंने कोर्ट में उपस्थित होकर कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि सहायक अध्यापक भर्ती मामले में अर्हता अंक को कम करने का निर्णय क्यों लिया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में एकल पीठ के उस आदेश में दखल देने से इन्कार कर दिया जिसमें पीठ ने सरकार की ओर से अर्हता अंक कम करने वाले 21 मई 2018 के शासनादेश पर रोक लगा दी थी।
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68500 शिक्षक भर्ती कोर्ट के अग्रिम आदेश के अधीन, अर्हता अंक को कम करने का बना मुद्दा
Friday, 31 August 2018
68500 शिक्षक भर्ती कोर्ट के अग्रिम आदेश के अधीन, अर्हता अंक को कम करने का बना मुद्दा
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में चयन प्रकिया शुरू होने के बाद अर्हता अंक कम करने को गंभीरता से लिया है। इसका कारण न बता पाने पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा और सरकारी वकील को आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने शिक्षकों के चयन को अपने अग्रिम आदेश के अधीन कर लिया। यह आदेश न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने अविनाश कुमार व अन्य सहित कई अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव प्रभात के उस जवाब पर हैरानी जताई है जिसमें उन्होंने कोर्ट में उपस्थित होकर कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि सहायक अध्यापक भर्ती मामले में अर्हता अंक को कम करने का निर्णय क्यों लिया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में एकल पीठ के उस आदेश में दखल देने से इन्कार कर दिया जिसमें पीठ ने सरकार की ओर से अर्हता अंक कम करने वाले 21 मई 2018 के शासनादेश पर रोक लगा दी थी।
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