मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सचिवालय के विभागों के पुनगर्ठन से संबंधित प्रस्ताव पर मोटे तौर सहमति जताते हुए कहा है कि इस पर अभी और विस्तृत अध्ययन कर लिया जाए। यह भी देखा जाए कि विभागों को कम करने या खत्म करने से प्रशासनिक कामकाज पर क्या असर पड़ेगा। .
माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री शुक्रवार को रिपोर्ट पूरी तरह मंजूर कर लेंगे और इसी के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार होगा लेकिन उन्होंने विस्तृत रिपोर्ट मांग ली। अत: नए गठित होने वाले विभागीय ढांचे के अनुरूप मंत्रियों को काम का पुन: बंटवारा बाद में होगा।.
मुख्यमंत्री के सामने शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट पेश की गई। योगी ने अधिकारियों से कहा कि विभागों का कामकाज ऐसा हो ताकि जनता को परेशानी न हो और निर्णय जल्द लागू किये जाएं। .
विभागों के पुनगर्ठन के मसौदे पर सीएम ने कहा कि प्रस्ताव के हर पहलू पर व्यापक तैयारी की जाए। अब इस पर विस्तृत रिपोर्ट सीएम के सामने पेश की जाएगी।.
'राजस्व संसाधन आयुक्त के पास भूतत्व एवं खनिकर्म, परिवहन विभाग, संस्थागत वित्त, बैंकिंग और वाह्य सहायतित परियोजना, स्टाम्प एवं पंजीकरण, कर निबंधन, मनोरंजन कर, वाणिज्य कर और आबकारी होंगे। .
'स्वास्थ्य आयुक्त के पास चिकित्सा, स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उपभोक्ता संरक्षण तथा बाट एवं माप, आयुष व महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग होंगे। .
'शिक्षा आयुक्त के अधिकार में बेसिक, माध्यमिक शिक्षा, खेलकूद तथा युवा कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा व सेवायोजन। सेवायोजन अभी तक श्रम में था, इसे अब अलग किया जाएगा।
छह विभागीय आयुक्त होंगे, तीन मौजूदा हैं और तीन नए बनेंगे.
' शिक्षा विभाग शिक्षा आयुक्त के अधीन होगा, स्वास्थ्य आयुक्त स्वास्थ्य महकमा संभालेंगे
राजस्व संसाधन आयुक्त खनन, परिवहन की जिम्मेदारी संभालेंगे .
नए सरकारी विभाग होंगे प्रस्तावित विलय के बाद.
विभाग बचे रह जाएंगे 41 विभाग कम होने के बाद.
कुल सरकारी विभाग हैं वर्तमान में उत्तर प्रदेश में .
समाज कल्याण आयुक्त, कृषि उत्पाद आयुक्त व औद्योगिक विकास आयुक्त पहले से ही हैं। अब तीन और नए आयुक्त बनेंगे। पहले वाले आयुक्तों के विभाग और बढ़ेंगे। तीन नए आयुक्तों में शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त और राजस्व संसाधन आयुक्त होंगे।
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