लखनऊ प्रमुख संवाददाता प्रदेश के लगभग 3 हजार सहायताप्राप्त जूनियर स्कूलों में भर्तियों के लिए हरी झण्डी दे दी गई है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि स्कूलों में न्यूनतम मानक 4 शिक्षक और 1 प्रधानाध्यापक का है। ये पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। जिस भी स्कूल में पद रिक्त हों वे अपना प्रस्ताव बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेज सकते हैं। बीएसए इन रिक्तियों को सत्यापित करेंगे इसके बाद ही पद विज्ञापित किए जा सकेंगे। विज्ञापन दो समाचार पत्रों में दिया जाए जिनमें से एक प्रदेश स्तर का होना चाहिए। पदों की अनुमति देते समय इसका ख्याल रखा जाए कि स्कूल में हर विषय के शिक्षक हों। निलम्बित शिक्षक या प्रधानाध्यापक का पद रिक्त नहीं माना जाएगा। इस पर कोई न नई भर्ती नहीं होगी। यदि स्कूल में कोई अनियमित नियुक्ति होगी तो इसके जिम्मेदार बीएसए माने जाएंगे। वहीं बीएसए विज्ञापन के साथ चयन प्रक्रिया का भी परीक्षण करेंगे। यदि कोई शिक्षक बिना बीएसए के अनुमोदन के कार्यभार ग्रहण कर लेता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी।
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सहायताप्राप्त जूनियर स्कूलों में भर्तियों के लिए हरी झण्डी , लगभग 3 हजार पदों पर होगी भर्ती
Saturday, 31 March 2018
सहायताप्राप्त जूनियर स्कूलों में भर्तियों के लिए हरी झण्डी , लगभग 3 हजार पदों पर होगी भर्ती
लखनऊ प्रमुख संवाददाता प्रदेश के लगभग 3 हजार सहायताप्राप्त जूनियर स्कूलों में भर्तियों के लिए हरी झण्डी दे दी गई है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि स्कूलों में न्यूनतम मानक 4 शिक्षक और 1 प्रधानाध्यापक का है। ये पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। जिस भी स्कूल में पद रिक्त हों वे अपना प्रस्ताव बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेज सकते हैं। बीएसए इन रिक्तियों को सत्यापित करेंगे इसके बाद ही पद विज्ञापित किए जा सकेंगे। विज्ञापन दो समाचार पत्रों में दिया जाए जिनमें से एक प्रदेश स्तर का होना चाहिए। पदों की अनुमति देते समय इसका ख्याल रखा जाए कि स्कूल में हर विषय के शिक्षक हों। निलम्बित शिक्षक या प्रधानाध्यापक का पद रिक्त नहीं माना जाएगा। इस पर कोई न नई भर्ती नहीं होगी। यदि स्कूल में कोई अनियमित नियुक्ति होगी तो इसके जिम्मेदार बीएसए माने जाएंगे। वहीं बीएसए विज्ञापन के साथ चयन प्रक्रिया का भी परीक्षण करेंगे। यदि कोई शिक्षक बिना बीएसए के अनुमोदन के कार्यभार ग्रहण कर लेता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी।
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