उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन न होने की वजह से सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में 20,000 से अधिक शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के पद खाली हैं। इतना ही नहीं, 31 मार्च 2018 तक 1000 से अधिक और पद शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के रिटायर होने से खाली हो जाएंगे।क्या है व्यवस्था: राज्य सरकार ने राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य और प्रवक्ता के पदों पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को भर्ती का अधिकार दे रखा है। इसके अलावा प्रदेश के सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और एलटी शिक्षकों की भर्ती का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पास है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष से लेकर सदस्यों ने एक-एक कर इस्तीफा दे दिया। आशालता सिंह 6 अक्तूबर 2017 को इस्तीफा देने वाली सबसे आखिरी सदस्य हैं।वादे के बाद गठन नहीं: राज्य सरकार ने धरना दे रहे अभ्यर्थियों से वादा किया था कि जनवरी 2018 तक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन विधिवत कर दिया गया जाएगा। इसके बाद भी अभी तक इसके गठन के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। चयन बोर्ड का गठन होने के बाद ही सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षकों व प्रधानाचार्यों की भर्तियां शुरू हो पाएंगी। राज्य सरकार पर इसीलिए चयन बोर्ड के चयन का दबाव तेजी से बढ़ता जा रहा है।चयन बोर्ड: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में एक अध्यक्ष और 8 सदस्य होते हैं। छह सदस्य शिक्षक या शिक्षाविद बनाए जाते हैं तथा दो सदस्य विभाग के अपर निदेशक स्तर से रिटायर अधिकारियों को बनाया जाता है। अध्यक्ष शिक्षक भर्ती के लिए सदस्यों का मंडलवार जिम्मेदारियां सौपता है।
सहायता प्राप्त स्कूलों में इस माह भी खाली होंगे हजारों पद
- सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज- 4512
- सहायता प्राप्त संस्कृत कॉलेज-973
- पूर्व से रुकी भर्तियां प्रधानाचार्य 1554
- प्रवक्ता व शिक्षक 11166
- भेजा गया प्रस्ताव शिक्षक 7000
- संस्कृत स्कूलों में खाली पद 9000
राज्य सरकार माध्यमिक शिक्षा विभाग से अनुदानित संस्कृत कॉलेजों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को देने की तैयारी कर चुका है। इसके लिए चयन बोर्ड नियमावली में संशोधन संबंधी प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी है।
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