इलाहाबाद आनंद मिश्रविश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अब पढ़ाने के अनुभव (टीचिंग एक्सपीरिएंस) पर भी नंबर मिलेंगे। प्रतिवर्ष दो नंबर के हिसाब से अधिकतम दस नंबर तक दिए जाएंगे। यूजीसी की ओर से शिक्षकों की भर्ती के लिए तैयार किए जा रहे रेगुलेशन में यह व्यवस्था की गई है।यह रेगुलेशन सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के मद्देनजर तैयार हो रहा है। यूजीसी ने रेगुलेशन 2018 का ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर आमजन से सुझाव मांगे हैं। सुझाव 28 फरवरी की मध्य रात्रि तक ई-मेल के जरिए देना है। इसके बाद इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप देते हुए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। यूजीसी नेट में जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) के लिए चयनित छात्र रिसर्च के दौरान पढ़ाते भी हैं लेकिन अब तक उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा था।आवेदकों को इस तरह मिलेंगे नंबर : ड्राफ्ट के मुताबिक विवि और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के आवेदकों को इंटरव्यू के लिए शार्ट लिस्ट करने का तरीका अलग-अलग होगा। विश्वविद्यालयों में स्नातक में 80 प्रतिशत या अधिक पर 15, 60 से 80 प्रतिशत पर 13, 55 से 60 प्रतिशत पर 10 नंबर मिलेंगे। पीजी में 80 प्रतिशत या अधिक पर 28, 60 से 80 प्रतिशत पर 25 और 55 से 60 प्रतिशत पर 20 नंबर दिए जाएंगे। एमफिल में 60 प्रतिशत या अधिक पर सात और 55 से 60 प्रतिशत पर पांच नंबर दिए जाएंगे। पीएचडी पर तीस नंबर मिलेंगे जबकि जेआरएफ को सात, नेट या समकक्ष योग्यता पर पांच नंबर दिए जाएंगे। रिसर्च पब्लिकेशन पर दो नंबर प्रति पब्लिकेशन के हिसाब से अधिकतम दस नंबर और टीचिंग/ पोस्ट डॉक्टोरल एक्सपीरिएंस पर प्रति वर्ष दो नंबर के हिसाब से अधिकतम दस नंबर दिए जाएंगे। कॉलेजों में स्नातक में 80 प्रतिशत या अधिक पर 21, 60 से 80 प्रतिशत पर 19, 55 से 60 प्रतिशत पर 16 नंबर मिलेंगे जबकि पीजी में 80 प्रतिशत या अधिक पर 33, 60 से 80 प्रतिशत पर 30 और 55 से 60 प्रतिशत पर 25 नंबर दिए जाएंगे। एमफिल में 60 प्रतिशत या अधिक पर सात और 55 से 60 प्रतिशत पर पांच नंबर दिए जाएंगे। पीएचडी पर 20 नंबर मिलेंगे जबकि जेआरएफ पर दस, नेट एवं समकक्ष योग्यता पर आठ नंबर दिए जाएंगे। रिसर्च पब्लिकेशन पर दो नंबर प्रति पब्लिकेशन के हिसाब से अधिकतम छह और टीचिंग/पोस्ट डॉक्टोरल एक्सपीरिएंश पर 10 नंबर दिए जाएंगे।हाईस्कूल, इंटर का नंबर नहीं आएगा काम : आवेदकों को शार्टलिस्ट करते वक्त अब हाईस्कूल व इंटर में मिले नंबर काम नहीं आएंगे। वर्तमान में हाईस्कूल, इंटर की शैक्षिक योग्यता के आधार पर भी नंबर दिए जाते हैं।
ड्राफ्ट में विश्वविद्यालयों में सीनियर प्रोफेसर का पद सृजित करने की भी व्यवस्था की गई है। प्रोफेसर के कुल स्वीकृत पदों में से दस प्रतिशत पद सीनियर प्रोफेसर के होंगे। खास बात यह है कि इस पद पर सीधी भर्ती होगी। प्रोफेसर पद पर दस वर्ष तक टीचिंग/रिसर्च का अनुभव रखने वाले इस पद के योग्य होंगे। वर्तमान में शिक्षकों की तीन श्रेणी प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर है। अब चौथी सीनियर प्रोफेसर की हो जाएगी।
यूजीसी रेगुलेशन 2018 : रिसर्च के दौरान पढ़ाने का नौकरी में मिलेगा फायदा , आवेदकों को इस तरह मिलेगा फायदा
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Diposkan Oleh: bankpratiyogi
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