Friday, 19 January 2018

PRIMARY KA MASTER : प्राइमरी स्कूलों के अप्रशिक्षित टीचरों के प्रशिक्षण में ढिलाई पर कोर्ट सख्त


इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के मामले में सरकारी उदासीनता पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि संबंधित याचिका पर सितम्बर 2017 में जवाब मांगा गया था किन्तु सरकार अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं कर सकी है। कोर्ट ने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता से 19 जनवरी को सुबह 10 बजे सरकार द्वारा गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी पेश करने को कहा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने उप्र बेसिक शिक्षक संघ की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एचएन सिंह, भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी व प्रदेश सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानन्द पांडेय ने पक्ष रखा। मालूम हो कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को 31 मार्च 2019 तक प्राइमरी स्कूल के अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षित करा लेने का निर्देश देते हुए कहा है कि 1 अप्रैल 2019 से सभी गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को सेवा से हटा दिया जाएगा। याची का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर में एनआईओएस से प्रशिक्षण दिया जा सकता है और राज्य सरकार ने अब तक प्रशिक्षण देने के आदेश जारी नहीं किया है।




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