राज्य मुख्यालय विशेष संवाददाता प्रदेश के 94 विभागों में 54,564 खाली पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इन पदों को पदोन्नति से भरे जाने के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें ज्यादातर पद प्रदेश के 50 बड़े विभागों में हैं। जबकि 16,239 पदों को पदोन्नति से भरने के लिए डीपीसी की बैठकें हो चुकी हैं और डीपीसी की बैठकों के बाद 7,236 पदों को पदोन्नति से भरे जाने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक दीपक त्रिवेदी ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि यह आंकड़े मुख्य सचिव राजीव कुमार की समीक्षा बैठक से पहले के हैं। आज की समीक्षा बैठक के आंकड़ों को अभी फीड किया जा रहा है। इससे यह संख्या और बढ़ जाएगी। संभवत: शुक्रवार या शनिवार तक नए आंकड़ों को फीड करने का काम पूरा किया जा सकेगा। यह बात दीगर है कि मुख्य सचिव राजीव कुमार की व्यस्तता के चलते अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक दीपक त्रिवेदी को विभागों के साथ पदोन्नतियों की प्रगति समीक्षा करनी पड़ी। उन्होंने ढाई घंटे की समीक्षा बैठक में उन्होंने पदोन्नतियां पूरा करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। पदोन्नतियों में ढिलाई बरतने वाले 31 विभागों के अफसरों को डांटा भी और कहा कि 10-15 दिन बाद दोबारा समीक्षा की जाएगी। श्री त्रिवेदी के अनुसार क्लास वन अफसरों के 5,474 रिक्त पद पदोन्नति से भरने के लिए चिन्हित किए गए हैं, 1755 पदों की डीपीसी हो चुकी है और 1039 पदों को भरने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। क्लास टू अफसरों के 6,953 पद रिक्त हैं, 1815 पदों की डीपीसी हो चुकी है और 999 पदों को भरने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसी तरह क्लास थ्री कर्मचारियों के 30,041 पद रिक्त हैं, 10960 पदों की डीपीसी हो चुकी है और 4860 पद भरने के आदेश जारी हो चुके हैं। क्लास फोर कर्मचारी के 12096 रिक्त पद हैं, 1667 पदों की डीपीसी हो चुकी है । ये हैं पदोन्नति में दिक्कतें : पदोन्नतियों में तीन तरह की प्रमुख दिक्कतें आ रही हैं। जैसे कुछ विभागों में वरिष्ठता सूची का विवाद है और उनसे जुड़े मामले अदालतों में चल रहे हैं। कुछ विभागों में सेवानियमावली में संशोधन के प्रस्ताव प्रशासनिक विभागों के भेजे गए हैं। उनमें संशोधन के बिना डीपीसी संभव नहीं है। जबकि कुछ विभागों में एसीआर (चरित्र पंजिका में वार्षिक प्रविष्टियां) पूरी नहीं हैं जिसके कारण डीपीसी नहीं हो पा रही हैं।
Friday, 1 December 2017
up goverment : 54000 से ज्यादा खाली पद पदोन्नति से भरेगे
राज्य मुख्यालय विशेष संवाददाता प्रदेश के 94 विभागों में 54,564 खाली पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। इन पदों को पदोन्नति से भरे जाने के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें ज्यादातर पद प्रदेश के 50 बड़े विभागों में हैं। जबकि 16,239 पदों को पदोन्नति से भरने के लिए डीपीसी की बैठकें हो चुकी हैं और डीपीसी की बैठकों के बाद 7,236 पदों को पदोन्नति से भरे जाने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक दीपक त्रिवेदी ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि यह आंकड़े मुख्य सचिव राजीव कुमार की समीक्षा बैठक से पहले के हैं। आज की समीक्षा बैठक के आंकड़ों को अभी फीड किया जा रहा है। इससे यह संख्या और बढ़ जाएगी। संभवत: शुक्रवार या शनिवार तक नए आंकड़ों को फीड करने का काम पूरा किया जा सकेगा। यह बात दीगर है कि मुख्य सचिव राजीव कुमार की व्यस्तता के चलते अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक दीपक त्रिवेदी को विभागों के साथ पदोन्नतियों की प्रगति समीक्षा करनी पड़ी। उन्होंने ढाई घंटे की समीक्षा बैठक में उन्होंने पदोन्नतियां पूरा करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। पदोन्नतियों में ढिलाई बरतने वाले 31 विभागों के अफसरों को डांटा भी और कहा कि 10-15 दिन बाद दोबारा समीक्षा की जाएगी। श्री त्रिवेदी के अनुसार क्लास वन अफसरों के 5,474 रिक्त पद पदोन्नति से भरने के लिए चिन्हित किए गए हैं, 1755 पदों की डीपीसी हो चुकी है और 1039 पदों को भरने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। क्लास टू अफसरों के 6,953 पद रिक्त हैं, 1815 पदों की डीपीसी हो चुकी है और 999 पदों को भरने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसी तरह क्लास थ्री कर्मचारियों के 30,041 पद रिक्त हैं, 10960 पदों की डीपीसी हो चुकी है और 4860 पद भरने के आदेश जारी हो चुके हैं। क्लास फोर कर्मचारी के 12096 रिक्त पद हैं, 1667 पदों की डीपीसी हो चुकी है । ये हैं पदोन्नति में दिक्कतें : पदोन्नतियों में तीन तरह की प्रमुख दिक्कतें आ रही हैं। जैसे कुछ विभागों में वरिष्ठता सूची का विवाद है और उनसे जुड़े मामले अदालतों में चल रहे हैं। कुछ विभागों में सेवानियमावली में संशोधन के प्रस्ताव प्रशासनिक विभागों के भेजे गए हैं। उनमें संशोधन के बिना डीपीसी संभव नहीं है। जबकि कुछ विभागों में एसीआर (चरित्र पंजिका में वार्षिक प्रविष्टियां) पूरी नहीं हैं जिसके कारण डीपीसी नहीं हो पा रही हैं।
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