
लखनऊ. यूपी में 26 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा क्षेत्र मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम का शिक्षा मित्र बहिष्कार कर रहे हैं। साथ ही सीएम से ये मांग किया है कि शिक्षामित्रों को इस कार्य से मुक्त किया जाए। मांग न पूरी होने पर शिक्षामित्रों ने आन्दोलन की चेतावनी दी है। आगे पढ़िए पूरा मामला...
- आदर्श शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही के मुताबिक, ''टीईटी का परिणाम जारी होने के बाद अब प्रदेश भर के शिक्षा मित्र जनवरी और फरवरी में प्रस्तावित 68500 सहायक अध्यापकों की लिखित भर्ती परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं।''
- ''लेकिन सभी जिलों में प्रशासन ने शिक्षामित्रों को बीएलओ बनाकर उन्हें मतदाता सूची पुनरीक्षण की जिम्मेदारी दी है। सरकार ने शिक्षामित्रों को रियायत की जगह 80 से 100 किमी दूर बूथों पर बीएलओ बना दिया गया है। इससे शिक्षामित्रों की प्रिप्रेशन बाधित होगी।''
- इसके चलते शिक्षामित्रों में खासा गुस्सा है। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
हाईकोर्ट ने पहले से लगा रखी है रोक
- आदर्श शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही के मुताबिक, ''हाईकोर्ट ने पहले शिक्षकों से मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य न लिए जाने पर रोक लगा रखी है। इसके बाद भी सरकार शिक्षामित्रों को जानबुझकर इस कार्य में लगा रही है। ये सही नहीं है। शिक्षामित्र मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में हरगिज शामिल नहीं होंगे।''
- आदर्श शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही के मुताबिक, ''हाईकोर्ट ने पहले शिक्षकों से मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य न लिए जाने पर रोक लगा रखी है। इसके बाद भी सरकार शिक्षामित्रों को जानबुझकर इस कार्य में लगा रही है। ये सही नहीं है। शिक्षामित्र मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में हरगिज शामिल नहीं होंगे।''
सरकार से की ये मांग
- शिक्षामित्रों का कहना है, ''पहले ही सरकार अल्प मानदेय में 80 से 100 किलोमीटर दूर स्कूलों में में शिक्षण कार्य करा रही है। इस मानदेय से परिवार का भरण पोषण तो दूर स्कूल जाने आने का किराया भी नहीं दे पा रहे है।''
- ''सरकार को द्वेष की भावना त्याग कर शिक्षामित्रों के भविष्य के लिए जल्द उचित कदम उठाना चाहिए। उन्हें शिक्षामित्रों को इस कार्य से दूर रखना चाहिए।''
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