Thursday, 21 December 2017

उच्च न्यायालय के निर्देश...जूनियर हाईस्कूल अध्यापकों के बारे में सरकार को निर्णय ले सरकार



इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में 2००8 से पहले के नियुक्त गैर प्रशिक्षित अध्यापकों के प्रशिक्षण के संबंध में केन्द्र और राज्य सरकारों को आठ सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि 31 मार्च 2०18 तक अप्रशिक्षित अध्यापकों को सेवा से हटा दिया जायेगा। जिस पर उ.प्र बेसिक शिक्षक संघ जनहित याचिका दाखिल कर चुनौती दी, तो न्यायालय ने केन्द्र सरकार और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीय शिक्षा संस्थान से जानकारी मांगी। मुख्य न्यायाधीश डी.बी भोंसले तथा न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता की खण्डपीठ के समक्ष भारत सरकार ने हलफनामा दाखिल करके बताया है कि कक्षा एक से पांच तक के बीएड डिग्री धारक अध्यापकों को ही छह माह के विषेष ब्रिज कोर्स योजना के जरिये दूरस्थ शिक्षा के तहत प्राथमिक शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह प्रशिक्षण लेना कक्षा छह से आठ तक के बीएड डिग्री धारक अध्यापकों के लिए जरूरी नहीं है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षक संघ से अनुरोध किया गया है कि अप्रैल 2०18 में होने वाले प्राथमिक शिक्षा ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन देने के लिए अध्यापकों को प्रेरित करे। भारत सरकार के सहायक सालीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश एवं भारत सरकार के अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने न्यायालय को बताया कि जूनियर हाईस्कूल के बीएड डिग्री धारकों को ब्रिज कोर्स करना जरूरी नहीं है। प्राइमरी स्कूल अध्यापकों के लिए ब्रिज कोर्स की योजना में अप्रैल 2०18 में परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस कथन के बाद अदालत ने कहा कि याचिका अर्थहीन हो गयी है और राज्य सरकार निर्णय लेकर याची संघ को सूचित करे और यदि याची निर्णय से संतुष्ट न हो तो वह विधिक कार्रवाई कर सकता है।

उच्च न्यायालय के निर्देश...जूनियर हाईस्कूल अध्यापकों के बारे में सरकार को निर्णय ले सरकार Rating: 4.5 Diposkan Oleh: bankpratiyogi

0 comments:

Post a Comment