31 दिसम्बर को हमारी संविदा समाप्त होने पर हम कहां जाएंगे, हमें पांच जनवरी तक बताया जाए। ऐसा नहीं होता है तो हम प्रेरक सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। हमारा मानदेय 18 हजार रुपये किया जाए और भुगतान ऑनलाइन हो। प्रेरकों को 14 दिन का आकस्मिक अवकाश और महिला प्रेरकों को प्रसूति अवकाश मिले।सीमा मौर्या, जिलाध्यक्ष आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन
इलाहाबाद ’ वरिष्ठ संवाददातासाक्षर भारत मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत प्रदेशभर के एक लाख शिक्षा प्रेरकों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा और सचिव राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण अमरनाथ वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को बुधवार को जारी पत्र में जिला समन्वयक, ब्लाक समन्वयक या प्रेरकों की संविदा 31 दिसम्बर के बाद नहीं बढ़ाने के आदेश दिए हैं।प्रदेश के 65 जिलों में साक्षर भारत मिशन संचालित है। इसके तहत 49921 लोक शिक्षा केंद्रों पर 99482 शिक्षा प्रेरक कार्यरत हैं। प्रेरकों को प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय मिलता है। इनके अलावा जिले एवं ब्लाक में तकरीबन एक हजार समन्वयक कार्यरत हैं। योजना समाप्त होने पर ये सभी संविदाकर्मी बेरोजगार हो जाएंगे। इससे पहले सितम्बर में ही योजना बंद करने का आदेश जारी हुआ था लेकिन दबाव पड़ने पर 31 दिसम्बर तक समयावृद्धि कर दी गई थी। लेकिन 31 दिसम्बर के बाद योजना संचालित करने की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं मिली है। लिहाजा 31 दिसम्बर के बाद किसी मद में कोई खर्च न किया जाए।साक्षरता मिशन को पलीता: जानकारों का मानना है कि शिक्षा प्रेरकों को हटाने से साक्षरता मिशन को पलीता लगेगा। शिक्षा प्रेरकों का काम 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को साक्षर बनने के लिए प्रेरित करना है। इनके हटने के बाद से निरक्षर लोगों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने की मुहिम प्रभावित होगी। इलाहाबाद में 2633 शिक्षा प्रेरक कार्यरत हैं।
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