पुणो एजेंसीकेंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश की न्यायिक एवं शिक्षा प्रणालियों में व्यापक सुधार की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि ये काम लंबे समय से बाकी हैं। सिंबायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के 14वें दीक्षांत समारोह को रविवार को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, हमारी न्यायिक एवं शैक्षणिक प्रणालियों में व्यापक सुधार की जरूरत है। इन दो क्षेत्रों में सुधारों में काफी देरी कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किए जाने की जरूरत है ताकि वे भविष्य में जीवन के हर क्षेत्र में नेता बन सकें।जरूरी सुधारों के रूप का ब्योरा दिए बिना जेटली ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने की जरूरत है कि देश में करोड़ों युवाओं को बढ़िया प्रशिक्षण मिले। इससे वे भविष्य में जीवन के हर क्षेत्र में नेता बन सकें। इस मौके पर अरुण जेटली ने 17 विषयों में 3,450 छात्रों को डॉक्ट्रेट, पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट डिग्रियों से नवाजा।
नई दिल्ली। वाहन विनिर्माताओं के शीर्ष संगठन सियाम ने माल व सेवा कर प्रणाली के तहत यात्री वाहनों के लिए दो कर दरों की मांग की है। फिलहाल इस खंड के लिए कई दरें हैं।इसके साथ ही सियाम ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से आग्रह किया है कि इलेक्ट्रिक व हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों के लिए 12 प्रतिशत की विशेष दर हो। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स ने बजट 2018-19 को लेकर अपने ज्ञापन में यह मांग रखी है। इसके अनुसार, वाहन उद्योग कारों के लिए अनेक कर दरों के बजाय दो दरों का सुझाव दे रहा है और सरकार से आग्रह करता है कि जीएसटी प्रणाली के तहत वाहनों के लिए केवल दो ही दरें रखी जाएं। जीएसटी के तहत 1200 सीसी से कम क्षमता वाली पेट्रोल की छोटी कारों पर एक प्रतिशत उपकर लगता है। वहीं 1500 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली डीजल वाली कारों पर तीन प्रतिशत उपकर लगता है।
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