
●शिक्षक भर्ती में बीटीसी के अलावा कई अन्य कोर्स होंगे मान्य
●अध्यापक सेवा नियमावली में सरकार करने जा रही एक और संशोधन
●सरकारी प्राथमिक स्कूलों में होनी है 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती
●अध्यापक सेवा नियमावली में सरकार करने जा रही एक और संशोधन
●सरकारी प्राथमिक स्कूलों में होनी है 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती
इलाहाबाद: सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में बीटीसी के अलावा कई अन्य कोर्स मान्य होंगे। भर्ती से पहले बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में सरकार एक और संशोधन करने जा रही है। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद से प्रस्ताव मांग लिया गया है।
नौ नवम्बर को नियमावली में 20वां संशोधन किया गया है जिसमें प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए बीटीसी, उर्दू बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के साथ टीईटी या सीटीईटी पास अभ्यर्थियों को योग्य माना गया है। लेकिन कई अन्य कोर्स को शामिल नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2011, 29 जुलाई 2011 और 12 नवम्बर 2014 की अधिसूचना में चार वर्षीय बीएलएड, डीएड, डीएड (विशेष शिक्षा), डीएलएड आदि कोर्स भी मान्य किया था। जिसे लेकर हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक कई याचिकाएं हुई।
नौ नवम्बर को 20वां संशोधन होने के बाद 18 नवम्बर को डीएड को नियमावली में शामिल करने का शासनादेश जारी हुआ है। इससे एक दिन पहले 17 नवम्बर को अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की ओर से जारी आदेश में एनसीटीई से मान्य सभी कोर्स नियमावली में शामिल करने की बात कही गई है।
अध्यापक सेवा नियमावली में एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुरूप बदलाव नहीं करने के कारण बेरोजगार पिछले छह साल से हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के चक्कर काट रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू तो किया गया लेकिन एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक नियमावली में आवश्यक संशोधन नहीं किए गए।
68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जो प्रस्ताव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा था उसे जरूरी सुझाव के साथ सचिव संजय सिन्हा ने सहमति दे दी है। प्रस्ताव में एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार डीएड, डीएड विशेष शिक्षा, बीएलएड आदि कोर्स को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अभी समय लग सकता है। परीक्षा से पहले नियमावली में संशोधन होना है। उसके बाद ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए साफ्टवेयर तैयार करवाना, उसकी सिक्योरिटी ऑडिट आदि में समय लगेगा।
नौ नवम्बर को नियमावली में 20वां संशोधन किया गया है जिसमें प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए बीटीसी, उर्दू बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी के साथ टीईटी या सीटीईटी पास अभ्यर्थियों को योग्य माना गया है। लेकिन कई अन्य कोर्स को शामिल नहीं किया गया है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2011, 29 जुलाई 2011 और 12 नवम्बर 2014 की अधिसूचना में चार वर्षीय बीएलएड, डीएड, डीएड (विशेष शिक्षा), डीएलएड आदि कोर्स भी मान्य किया था। जिसे लेकर हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक कई याचिकाएं हुई।
नौ नवम्बर को 20वां संशोधन होने के बाद 18 नवम्बर को डीएड को नियमावली में शामिल करने का शासनादेश जारी हुआ है। इससे एक दिन पहले 17 नवम्बर को अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की ओर से जारी आदेश में एनसीटीई से मान्य सभी कोर्स नियमावली में शामिल करने की बात कही गई है।
अध्यापक सेवा नियमावली में एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुरूप बदलाव नहीं करने के कारण बेरोजगार पिछले छह साल से हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के चक्कर काट रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू तो किया गया लेकिन एनसीटीई की अधिसूचना के मुताबिक नियमावली में आवश्यक संशोधन नहीं किए गए।
68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने जो प्रस्ताव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा था उसे जरूरी सुझाव के साथ सचिव संजय सिन्हा ने सहमति दे दी है। प्रस्ताव में एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार डीएड, डीएड विशेष शिक्षा, बीएलएड आदि कोर्स को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में अभी समय लग सकता है। परीक्षा से पहले नियमावली में संशोधन होना है। उसके बाद ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए साफ्टवेयर तैयार करवाना, उसकी सिक्योरिटी ऑडिट आदि में समय लगेगा।
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