Monday, 27 November 2017

UPTET : तो अपर प्राइमरी टीईटी करवाने का क्या औचित्य


इलाहाबाद। ऐसे में जब सरकार ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती के प्रावधान को समाप्त कर दिया है तो अपर प्राइमरी स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) करवाने का औचित्य समझ से परे है। यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से सिर्फ एक 29334 विज्ञान व गणित विषय के सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई है। उसमें भी तकरीकन सात हजार पद खाली बताए जा रहे हैं। जबकि अपर प्राइमरी स्तर की टीईटी पास बड़ी संख्या में योग्य बेरोजगार नौकरी की आस में बैठे हैं।




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