Monday, 20 November 2017

PRIMARY KA MASTER : शिक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ियों पर अफसर ही डाल रहे पर्दा, गुपचुप कर रहे कार्रवाई का विरोध


इलाहाबाद : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2012 की गड़बड़ियों पर शिक्षा महकमे के अफसर ही पर्दा डाल रहे हैं। जिस तरह से संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) इलाहाबाद मंडल माया निरंजन को लिपिकों पर कार्रवाई के लिए अनुमति नहीं मिली है, बल्कि भर्ती की फाइल खोजने के लिए तीन अफसरों की जांच टीम गठित की गई है। यह प्रकरण कितना गंभीर है इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगाया जा सकता है यहां के पूर्व प्रभारी जेडी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने भी फाइल गुम करने वालों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था लेकिन, उसका कोई जवाब ही नहीं दिया गया।

प्रदेश के राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की 2012 में भर्ती हुई थी। हर मंडल में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई। उसी समय इलाहाबाद में भी शिक्षक चयनित होकर विभिन्न कालेजों में नियुक्त हुए। शिक्षकों के चयन के समय ही तमाम मानकों की अनदेखी और अपनों को नियुक्ति देने के आरोप लगे थे। आगे चलकर यह प्रकरण खुलने न पाए इसलिए अफसरों ने मातहत लिपिकों से साठगांठ करके भर्ती की फाइल ही गुम कर दी। इलाहाबाद की मौजूदा जेडी माया निरंजन यहां नियुक्त होने के बाद से गायब हुई फाइल मांग रही हैं, चार महीने से लिपिक उन्हें दांव दे रहे हैं। ऐसे में एक को निलंबित व दूसरे का वेतन रोका गया है, वहीं दो लिपिकों पर एफआइआर आदि की कार्रवाई के लिए अफसरों को लिखा गया है। इस पर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने लिपिकों पर कार्रवाई का आदेश देने की बजाए निदेशालय के तीन अफसरों की जांच टीम बना दी है, जो गायब फाइल की छानबीन करेंगे। इस समय सहारनपुर मंडल के प्रभारी जेडी चतुर्वेदी ने बताया कि इसके पहले वह जब इलाहाबाद के प्रभारी जेडी रहे हैं, उन्होंने भी 2012 की शिक्षक भर्ती की फाइल तलब की थी, लेकिन वह नहीं मिल सकी थी। तब उन्होंने भी फाइल के जिम्मेदार लिपिकों पर कार्रवाई के लिए बड़े अधिकारियों को पत्र भेजा, लेकिन उन्हें ‘ऊपर’ से कार्रवाई करने की अनुमति नहीं मिली। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की फाइल गुम होने को लेकर शिक्षा महकमे के अफसर दो खेमों बंटे हैं। कुछ गुपचुप कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।



PRIMARY KA MASTER : शिक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ियों पर अफसर ही डाल रहे पर्दा, गुपचुप कर रहे कार्रवाई का विरोध Rating: 4.5 Diposkan Oleh: bankpratiyogi

0 comments:

Post a Comment